Torrential rains kill heavy hail on NH 43
एक्सक्लूसिव स्टोरी
मसूलाधार बारिष की मार एनएच की पुलिया पर पडी भारी
पुलिया की दरार को छिंपाने की जा रही कोषिष
टूट सकता है संपर्कमार्ग
उमरिया :- सडक निर्माण में किस प्रकार से भ्रष्टाचार और लापरवाही की जाती है। उसका जीता जागता सबूत नवनिर्मित नेषनल हाईवे 43 की हालात को देखकर लगाया जा सकता है। उमरिया जिला मुख्यालय से हो कर गुजर रही सडक की पुलिया में मूसलाधार बारिष से दरार आ गयी थी । भंगहा ग्राम पंचायत से उमरिया शहर की लाईफ लाईन माने जानी वाली उमरार नदी गुजर रही है। इस नदी के उपर जिस पुलिया का निर्माण किया गया, वह पहली बरसात की मार को भी नहीं झेल सकी। 6 और 7 सितम्बर की मूसलाधार बारिष ने मानो इस सडक की पोल खोलने का काम किया हो। हांलाकि जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी जल्दी ही सुध ले ली, उस पर अपने स्तर पर ट्रीटमेंट करने का काम किया। लेकिन जिस प्रकार से सडक में लीपापोती की जा रही है, उससे सडक की हालात ठीक होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। अपने स्तर पर एक दिन में ही उस दरार को भर दिया , लेकिन इसके बावजूद भी भरी हुई दरार में भी गढ्ढे दिखायी देने लग गये हैं। नेषनल हाईवे होने के कारण भारी वाहनों का आवागमन निरन्तर हो रहा है। उनके गुजरने के समय इसे पुलिया में स्पष्ट कंपन को महसूस किया जा सकता है।
रिटर्निंग वाॅल में नहीं होल:- पुलिया के लिए जिस रिटनिंग पुलिया को बनाया गया है, उसमें स्पष्ट रूप से कमी देखी जा सकती है। इस वाॅल में उपर की ओर होल नहीं बनाये गये , इसी कारण से बरसात का पानी निकल नहीं सका। इसीसे इस पुलिया की दीवाल में थोडा सा झुकाव आ गया। यदि इस दीवाल में होल को रख जाता तो यहां से पानी निकल जाता ,और सडक को सेटलमंेट होने का अवसर मिल जाता। पानी नहीं निकलने के कारण ही इस सडक का जो सेटलमेंट हो रहा ,उसके कारण इस सडक में दरार पड गयी। रिटर्निंग वाॅल होल नहीं होने के कारण लगातार झुकती हुई दिखाई दे रही है।
टूट सकता है संपर्क मार्ग:- एनएच 43 कटनी ,उमरिया और शहडोल को आपस मंे जोडने वाला प्रमुख मार्ग है, इस पर गंभीरता से कार्य नहीं किया गया तो इन जिलों का संपर्क मार्ग टूट जायेगा। जिम्मेदार अधिकारी सडक पर को जल्दी दिखवाने की बात कर रहे है। लेकिन जिस प्रकार से सडक की लीपापोती करते हुए गिट्टी को भरा गया है, उससे इस पुलिया में कभी कोई हादसा होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। गिट्टी के द्वारा दरार को भरने का प्रयास किया गया है, लेकिन दरार अभी भी कुछ स्थानों पर दिखायी दे रही है।
पहले से ही विवादों में एनएच 43:- एन एच 43 मार्ग में चंदिया से लेकर बिरसिंहपुर तक के सडक मार्ग का पैच में बनने के साथ ही विवादों का चोली दामन का साथ रहा है। एनएच 43 में बिरसिंहपुर पाली से उमरिया के बीच की सडक ही अभी तक नहीं बन पा रही है। सडक का निर्माण पूरा नहीं हो पाने का विरोध लगातार स्थानीय जनता और रोजना यहां से गुजरने वाले यात्रियों के द्वारा किया जा रहा है। सडक निर्माण के दौरान मुआवजे को लेकर विवाद अभी भी कटघरे में है। कुछ लोगों का आरोप है कि प्रषासनिक अधिकारियों ने सडक निर्माण मे तय मानक नियमों का उल्लघंन किया है, जिसके कारण ही इस सडक मार्ग मंे इस प्रकार की बाधाऐं आ रही हैं।
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हटाये जा रहे अवैध होर्डिंग
अवैध होर्डिंग बनते हैं आवागमन में बाधक
फोटो:-
उमरिया:- संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत नगरपालिका प्रषासन के द्वारा पूरे शहर में अवैध होर्डिंग को हटाने का कार्य किया जा रहा है। गौरतलब है कि नगरपालिका परिषद के भंग होने के बाद जिला प्रषासन के माध्यम से नपा का कार्य भार देखा जा रहा है। जिला कलेक्टर के निर्देष पर हो रही इस कार्रवाई का आम नागरिकों के द्वारा स्वागत किया जा रहा है। अवैध होर्डिंग शहर में कहीं पर लगाये गये थे , जो आवागमन में बाधा बन रहे थे। वहीं कुछ आम नागरिकों का मानने के साथ जनचर्चा थी कि यह आगामी चुनाव के मद्दे नजर इस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है। जिस प्रकार से इस प्रकार की यकायक इस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है, उससे इस बात को बल मिल रहा है। नवम्बर को होने वाले विधानसभा के लिए कभी भी आचारसंहिता की घोषणा हो सकती है। आमनागरिको के साथ प्रषासनिक स्तर पर भी इस घोषणा का इंतजार हो रहा है।
विजुअल:-After 24 hours only
मसूलाधार बारिष की मार एनएच की पुलिया पर पडी भारी
पुलिया की दरार को छिंपाने की जा रही कोषिष
टूट सकता है संपर्कमार्ग
उमरिया :- सडक निर्माण में किस प्रकार से भ्रष्टाचार और लापरवाही की जाती है। उसका जीता जागता सबूत नवनिर्मित नेषनल हाईवे 43 की हालात को देखकर लगाया जा सकता है। उमरिया जिला मुख्यालय से हो कर गुजर रही सडक की पुलिया में मूसलाधार बारिष से दरार आ गयी थी । भंगहा ग्राम पंचायत से उमरिया शहर की लाईफ लाईन माने जानी वाली उमरार नदी गुजर रही है। इस नदी के उपर जिस पुलिया का निर्माण किया गया, वह पहली बरसात की मार को भी नहीं झेल सकी। 6 और 7 सितम्बर की मूसलाधार बारिष ने मानो इस सडक की पोल खोलने का काम किया हो। हांलाकि जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी जल्दी ही सुध ले ली, उस पर अपने स्तर पर ट्रीटमेंट करने का काम किया। लेकिन जिस प्रकार से सडक में लीपापोती की जा रही है, उससे सडक की हालात ठीक होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। अपने स्तर पर एक दिन में ही उस दरार को भर दिया , लेकिन इसके बावजूद भी भरी हुई दरार में भी गढ्ढे दिखायी देने लग गये हैं। नेषनल हाईवे होने के कारण भारी वाहनों का आवागमन निरन्तर हो रहा है। उनके गुजरने के समय इसे पुलिया में स्पष्ट कंपन को महसूस किया जा सकता है।
रिटर्निंग वाॅल में नहीं होल:- पुलिया के लिए जिस रिटनिंग पुलिया को बनाया गया है, उसमें स्पष्ट रूप से कमी देखी जा सकती है। इस वाॅल में उपर की ओर होल नहीं बनाये गये , इसी कारण से बरसात का पानी निकल नहीं सका। इसीसे इस पुलिया की दीवाल में थोडा सा झुकाव आ गया। यदि इस दीवाल में होल को रख जाता तो यहां से पानी निकल जाता ,और सडक को सेटलमंेट होने का अवसर मिल जाता। पानी नहीं निकलने के कारण ही इस सडक का जो सेटलमेंट हो रहा ,उसके कारण इस सडक में दरार पड गयी। रिटर्निंग वाॅल होल नहीं होने के कारण लगातार झुकती हुई दिखाई दे रही है।
टूट सकता है संपर्क मार्ग:- एनएच 43 कटनी ,उमरिया और शहडोल को आपस मंे जोडने वाला प्रमुख मार्ग है, इस पर गंभीरता से कार्य नहीं किया गया तो इन जिलों का संपर्क मार्ग टूट जायेगा। जिम्मेदार अधिकारी सडक पर को जल्दी दिखवाने की बात कर रहे है। लेकिन जिस प्रकार से सडक की लीपापोती करते हुए गिट्टी को भरा गया है, उससे इस पुलिया में कभी कोई हादसा होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। गिट्टी के द्वारा दरार को भरने का प्रयास किया गया है, लेकिन दरार अभी भी कुछ स्थानों पर दिखायी दे रही है।
पहले से ही विवादों में एनएच 43:- एन एच 43 मार्ग में चंदिया से लेकर बिरसिंहपुर तक के सडक मार्ग का पैच में बनने के साथ ही विवादों का चोली दामन का साथ रहा है। एनएच 43 में बिरसिंहपुर पाली से उमरिया के बीच की सडक ही अभी तक नहीं बन पा रही है। सडक का निर्माण पूरा नहीं हो पाने का विरोध लगातार स्थानीय जनता और रोजना यहां से गुजरने वाले यात्रियों के द्वारा किया जा रहा है। सडक निर्माण के दौरान मुआवजे को लेकर विवाद अभी भी कटघरे में है। कुछ लोगों का आरोप है कि प्रषासनिक अधिकारियों ने सडक निर्माण मे तय मानक नियमों का उल्लघंन किया है, जिसके कारण ही इस सडक मार्ग मंे इस प्रकार की बाधाऐं आ रही हैं।
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हटाये जा रहे अवैध होर्डिंग
अवैध होर्डिंग बनते हैं आवागमन में बाधक
फोटो:-
उमरिया:- संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत नगरपालिका प्रषासन के द्वारा पूरे शहर में अवैध होर्डिंग को हटाने का कार्य किया जा रहा है। गौरतलब है कि नगरपालिका परिषद के भंग होने के बाद जिला प्रषासन के माध्यम से नपा का कार्य भार देखा जा रहा है। जिला कलेक्टर के निर्देष पर हो रही इस कार्रवाई का आम नागरिकों के द्वारा स्वागत किया जा रहा है। अवैध होर्डिंग शहर में कहीं पर लगाये गये थे , जो आवागमन में बाधा बन रहे थे। वहीं कुछ आम नागरिकों का मानने के साथ जनचर्चा थी कि यह आगामी चुनाव के मद्दे नजर इस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है। जिस प्रकार से इस प्रकार की यकायक इस प्रकार की कार्यवाही की जा रही है, उससे इस बात को बल मिल रहा है। नवम्बर को होने वाले विधानसभा के लिए कभी भी आचारसंहिता की घोषणा हो सकती है। आमनागरिको के साथ प्रषासनिक स्तर पर भी इस घोषणा का इंतजार हो रहा है।
विजुअल:-After 24 hours only
Barish ne kholi pole
ReplyDeleteएक दिन की बरसात ने शहर के विकास की पोल खोल दी....इससे पता लगता है कि विभागों द्वारा जो विकास के नाम पे बड़ी बड़ी राशि खर्च की जाती है वो उन्हीं के जेबों में जाती है
ReplyDeleteReally it's very panic,govt official should heed this situation
ReplyDeleteNice coverage
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