Headmaster Is Giving Orders To Gazetted Officers
हैड मास्टर दे रहे राजपत्रित अधिकारियों केा कमान
सीएम हैल्प लाईन में की गयी षिकायत
जबाब रटा रटाया वैकल्पिक व्यवस्था
Umaria:- राज्य सेवा का संचालन सही तरीके से हो सके इसके लिए पीएसी और आईएस परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। जिसका मुख्य उद्देष्य ही उसमें से पास बेहतरीन अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय और बेहतर तालमेल के साथ उनसे बेहतरीन कार्य करवा सके। इसके लिए कठिन प्रतियोगिता परीक्षाओं को पास करना पडता है। उसके बाद ही इन अधिकारियों को जिले की कमान सौंपी जाती है, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों से उनके स्वाभिमान से समझौता किये बिना उनसे बेहतरीन कार्य करवाया जा सके। लेकिन जिले में जुगाड से ऐसे अधिकारी पदस्थ हैं, जिन्होंने कभी पीएसी परीक्षा में प्री एक्जाम भी पास नही किया हैं। लेकिन वे तमाम पीएसी पास अधिकारियों को कमान देते है, कि उन्हें यह कार्य करना है, और वह कार्य करना है। पीएसी पास अधिकारी मन मसोस के कार्य करते हैं, पीठ पीछे अपने भाग्य को कोसते हैं, कि उन्हें उमरिया जिला मिला है। दो दषकों से जमे ये अधिकारी हैं भी बडे कमाल के वे राज्य में किसी भी सत्ता दल का शासन हो, उनके पास ऐसी कला है, बडे आराम से अपने काम निकाल लेते हैं। सभी जानते हैं, दोनों हाथों में लड्डू रख कर कैसे खाया जाता है, इसे सिखना हो तो अधिकारी बने डीपीसी सुषील मिश्रा के पास जाके ही सिखना होगा।
हैडमास्टर है, बने अधिकारी डीपीसी:- राज्य षिक्षा केन्द्र के नियमानुसार डीपीसी के पद के लिए केवल प्राचार्य पद पर आसीन कर्मचारी को ही, नियुक्त किया जा सकता है। लेकिन जिले में हैडमास्टर पद के सुषील मिश्रा को सबसे योग्य व्यक्ति समझा गया है, और उन्हें ही इस पद नियुक्त किया गया है। पडोसी जिलो में डीपीसी पद पर कार्य कर चुके कर्मचारी वर्तमान में केवल किसी स्कूल में प्राचार्य ही है। लेकिन उन्हें इसके लायक नहीं समझा गया उन्हें डीपीसी पद नियुक्त किया जाये। ऐसे मंे जो कर्मचारी राज्य सेवा के अनुसार केवल हैडमास्टर पद के लिए योग्य हो, उमरिया जिले में पीएस पास अधिकारियों को उनसे कमान लेनी पडती है, कि उन्हें कहां और कब क्या करना है। इसी आधार पर मुख्यमंत्री हैल्पलाइन क्रं 5972084 इस बात की षिकायत भी की गयी है। जबाब में कहा जा रहा है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ही इन्हें नियुक्त किया गया है। मनमसोस के कार्य करने वाले ंअधिकारियांे को इस बात से बहुत परेषानी है, लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे के आधार पर चुप रहते हैं। सेवानिव्त्त अधिकारियों का कहना ठीक ही है ,ऐसी कठिन परिस्थितियों में बिना स्वाभिमान के कार्य करना हो तो उमरिया जिले में उनका स्वागत है। नियमविरूद्ध तरीके से डीपीसी बने अधिकारी बने होने पर उनके साथ के षिक्षकों का कहना है कि गणित संकाय के षिक्षक होने के बावजूद पिछले 12 सालों में किसी भी कक्षा में एक पीरियड भी उनके द्वारा नहीं लिया गया। इसके स्थान पर पन्द्रह अगस्त, 26 जनवरी और पीटीएस के पासिंग परेड में एंकरिंग और क्रिकेट और फुटबाल मैंचांे में कामेन्टरी जरूर की गयी है।
सीएम हैल्प लाईन में की गयी षिकायत
जबाब रटा रटाया वैकल्पिक व्यवस्था
Umaria:- राज्य सेवा का संचालन सही तरीके से हो सके इसके लिए पीएसी और आईएस परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। जिसका मुख्य उद्देष्य ही उसमें से पास बेहतरीन अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय और बेहतर तालमेल के साथ उनसे बेहतरीन कार्य करवा सके। इसके लिए कठिन प्रतियोगिता परीक्षाओं को पास करना पडता है। उसके बाद ही इन अधिकारियों को जिले की कमान सौंपी जाती है, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों से उनके स्वाभिमान से समझौता किये बिना उनसे बेहतरीन कार्य करवाया जा सके। लेकिन जिले में जुगाड से ऐसे अधिकारी पदस्थ हैं, जिन्होंने कभी पीएसी परीक्षा में प्री एक्जाम भी पास नही किया हैं। लेकिन वे तमाम पीएसी पास अधिकारियों को कमान देते है, कि उन्हें यह कार्य करना है, और वह कार्य करना है। पीएसी पास अधिकारी मन मसोस के कार्य करते हैं, पीठ पीछे अपने भाग्य को कोसते हैं, कि उन्हें उमरिया जिला मिला है। दो दषकों से जमे ये अधिकारी हैं भी बडे कमाल के वे राज्य में किसी भी सत्ता दल का शासन हो, उनके पास ऐसी कला है, बडे आराम से अपने काम निकाल लेते हैं। सभी जानते हैं, दोनों हाथों में लड्डू रख कर कैसे खाया जाता है, इसे सिखना हो तो अधिकारी बने डीपीसी सुषील मिश्रा के पास जाके ही सिखना होगा।
हैडमास्टर है, बने अधिकारी डीपीसी:- राज्य षिक्षा केन्द्र के नियमानुसार डीपीसी के पद के लिए केवल प्राचार्य पद पर आसीन कर्मचारी को ही, नियुक्त किया जा सकता है। लेकिन जिले में हैडमास्टर पद के सुषील मिश्रा को सबसे योग्य व्यक्ति समझा गया है, और उन्हें ही इस पद नियुक्त किया गया है। पडोसी जिलो में डीपीसी पद पर कार्य कर चुके कर्मचारी वर्तमान में केवल किसी स्कूल में प्राचार्य ही है। लेकिन उन्हें इसके लायक नहीं समझा गया उन्हें डीपीसी पद नियुक्त किया जाये। ऐसे मंे जो कर्मचारी राज्य सेवा के अनुसार केवल हैडमास्टर पद के लिए योग्य हो, उमरिया जिले में पीएस पास अधिकारियों को उनसे कमान लेनी पडती है, कि उन्हें कहां और कब क्या करना है। इसी आधार पर मुख्यमंत्री हैल्पलाइन क्रं 5972084 इस बात की षिकायत भी की गयी है। जबाब में कहा जा रहा है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ही इन्हें नियुक्त किया गया है। मनमसोस के कार्य करने वाले ंअधिकारियांे को इस बात से बहुत परेषानी है, लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे के आधार पर चुप रहते हैं। सेवानिव्त्त अधिकारियों का कहना ठीक ही है ,ऐसी कठिन परिस्थितियों में बिना स्वाभिमान के कार्य करना हो तो उमरिया जिले में उनका स्वागत है। नियमविरूद्ध तरीके से डीपीसी बने अधिकारी बने होने पर उनके साथ के षिक्षकों का कहना है कि गणित संकाय के षिक्षक होने के बावजूद पिछले 12 सालों में किसी भी कक्षा में एक पीरियड भी उनके द्वारा नहीं लिया गया। इसके स्थान पर पन्द्रह अगस्त, 26 जनवरी और पीटीएस के पासिंग परेड में एंकरिंग और क्रिकेट और फुटबाल मैंचांे में कामेन्टरी जरूर की गयी है।
shikshak sahi honge tb toh shiksha behtar hogi
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