Scam In The Name of Protected Farming


  संरक्षित खेती के नाम पर झोल,
  Complaint मुख्यमंत्री हैल्पलाईन में,
Net Shed House  मिले 14 किसानों को
Umaria:- कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए राज्य शासन एडी चोटी का जोर लगा रही है। इसी आड में कृषि विभाग से सम्बन्धित विभाग अपनी झोली भरने से बाज नहीं आ रहे हैं। संरक्षित खेती के नाम पर ऐसे किसानों को लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है, जिनका खेती से कोई लगाव नहीं है, लेकिन उनके नाम पर आसनी से लाखों का खेल खेला जा सकता है। आरटीआई और मुख्यमंत्री हैल्पलाईन में की गयी षिकायतों के अनुसार उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने ऐसे किसानों का चयन किया जिनकी आमदनी का कोई आधार नहीं है, लेकिन उन्हें लाखों रूपये वाली स्कीमों का लाभ दिया गया। संरक्षित खेती के नाम पर दिये जाने वाले पाॅली नेटहाउस के लिए मानपुर ब्लाॅक के 14किसानों को 28 लाख रू की योजना को लाभ दिया गया। इसमें 14 लाख रूपये का अनुदान है, शेष राषि यानि 14 लाख रूपये किसानों से ली जायेगी। आरटीआई लगाने वाले षिकायत कर्ता का कहना है कि अब ऐसे में मानपुर ब्लाॅक में ऐसे किसान कहां से आ गये जो 14 लाख रूपये अपनी से जेब से देंगे। जानकारी के अनुसार किसानों को ये 14 लाख रूपये भी पाली नेटहाउस लगाने वाली कंपनी के द्वारा ही दिया जा रहा है। किसानों केा इनकम टैक्स यानि पेन कार्ड के बिना इतनी बडी योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता था। लेकिन मानपुर ब्लाॅक के तकनीकि अधिकारी और ब्लाॅक अधिकारियों ने किसानों से सांठगांठ करके उक्त योजना का लाभ दिला दिया, जिसकी षिकायत मुख्यमंत्री हैल्पलाईन में की गयी है। यह भी एक सवाल है कि जिले के तीनेां ब्लाॅक में केवल मानपुर ब्लाॅक से ही कैसे किसानों का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री हैल्पलाईन के षिकायतकर्ता का कहना है कि  नेट शेडहाउस देने वाली कंपनी को किसानों का 14 लाख रूपये देनें के बाद भी किस प्रकार से लाभ मिलता है, इसकी जांच होनी चाहिये। गौरतलब है कि संरक्षित खेती के द्वारा किसानों की आय को दुगना तिगुना करके दिखाया जा सकता है, बषर्ते की उन्हें इसका लाभ लेने के सही तरीका मालूम हो। यदि फर्जी तरीके से ही किसानों को चूना लगाने का प्रयास किया जाता रहेगा, तो किसान धीरे-धीरे कर्ज के जाल में फंसता चला जायेगा। इस जाल से निकलेना का केाई भी तरीका नहीं मिलने पर किसी अनहोनी को टालना लगभग असंभव होता जायेगा। 
इनका कहना है:- मुख्यमंत्री हैल्पलाईन में मानपुर ब्लाॅक के 14 किसानों की षिकायत की गयी है, जिन्हें संरक्षित खेती का लाभ मिला है। किसानों को आॅनलाइन प्रक्रिया के तहत इसका लाभ दिया गया है। पेनकार्ड नहीं होने पर भी किसानों को कैसे इसका लाभ मिले इसके लिए मंत्री स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।
Gardening  सहायक संचालक:- RB Patel

Comments

  1. sarkar kitti bhi koshish kre par khane wale yojnao ka labh jaruratmand tk pahuchne hi nhi dete hain

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