Global Warming In Umaria District
हिल स्टेषन बना गर्म स्थान का क्षेत्र
जिम्मेदार विभाग नहीं निभा रहे जिम्मेदारी
अंधाधुध जंगल कटाई और प्रबन्धन की अकुषलता बने कारण !
उमरिया:- प्रकृति ने मानो उमरिया वन विभाग की पोल खोल लेने की ठान ली है। विगत एक सप्ताह से रिकार्डतोड गर्मी के कारण उमरिया जिले का नाम पूरे देष के पटल पर छाया हुआ है। The lowest temperature of Umaria recorded on May 28 is 32 degrees, it is the topmost temperature in the entire india temperature.। 26 मई का तापमान पूरे देष के अन्दर अधिकतम तापमान वाली लिस्ट में 8 वें नम्बर पर था। अभी हाल ही में प्री मानसून की बारिष पडोसी जिले शहडोल में हो चुकी है, लेकिन उमरिया जिले में इसका कोई नामोनिषान तक दिखायी नहीं दे रहा है। वनविकास निगम हर साल लाखों पौधे लगाने का दावा करता है, उसके बाद भी उमरिया की रिकार्डतोड गर्मी सब कुछ बंया कर रही है। वनविकास निगम के दावे को माना जाये विगत पांच सालों में उनके द्वारा लगाये पौधों में 90 से लेकर 98 प्रतिषत पौधे जीवित है। ऐसे में पौधे वृक्ष बन कर दिखायी क्यों नहीं दे रहे हैं। वनविकास निगम के लिए आरक्षित क्षेत्र चंदिया के पास नौगांव में भी पौधों का वृक्षारोपण नहीं किया गया है, तो जिले के अन्य स्थानों में किस प्रकार से वृक्षारोपण किया जा रहा होगा। जिला कलेक्टर मालसिंह ने इसी वर्ष कई बार भ्रमण के दौरान वृक्षारोपण नहीं होने पर कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देष दिये है। जो साबित करता है कि वनविकास निगम वृक्षारोपण के स्थान पर केवल वृक्षों की कटाई पर ही ध्यान दे रहा है, पौधारोपण पर उनकी कोई रूचि नही है। विषेषज्ञों के अनुसार बांधवगढ टाईगर रिजर्व क्षेत्र में प्रबन्धन की अकुषलता के कारण कई बार आग लगी, जिसका खामियाजा भी उमरिया की जनता को भोगना पड रहा है।
अंधाधुंध जंगलों की कटाई से बढ रहा तापमान:- विगत 5 सालों के वनविकास निगम के कागजों के रिकार्ड के अनुसार जितने पौधौं का वृक्षारोपण किया गया उनमें 90 से लेकर 98प्रतिषत तक जीवित है। ऐसे में जागरूक नागरिकों का कहना है कि जितने रिकार्ड पौधों को जीवित दिखाया जा रहा है, तो वे दिखाई क्यों नहीं देते हैं। आजादी के पहले जंगलों की आबोहवा के कारण उमरिया जिला एक हिल स्टेषन के रूप में अंग्रेजों के द्वारा विकसित किया गया था। अब उसी जिले की प्राकृतिक स्थलों में ऐसा क्या परिवर्तन हो गया कि यह स्थान पूरे देष के सबसे गर्म स्थानों में से एक स्थान में शुमार होने लग गया। वर्तमान समय में वृक्षारोपण कम लगातार वैध और अवैध जंगल कटाई के चलते उमरिया के हालात इस प्रकार से बिगड रहे हैं। इसके बावजूद निगम के अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। कूप कटाई के नाम पर लगातार जंगलों की कटाई की जा रही है। वहीं फर्जी बिल बाउचरों के माध्यम से पौधों की देख भाल की जा रही है, जिसमें निंदाई, गुडाई, पानी देना आदि जैसे कई कार्य शामिल हैं। बीटीआर में लगी 4 बार आग:- बीटीआर में कुषल प्रबन्धन पर लगातार सवाल खडे होते रहे हैं। बांधवगढ टाईगर रिजर्व में मई माह 4 बार अलग-अलग स्थानों में आग लग चुकी है। पार्क में लगी आग में तो एक वन्यकर्मी को अपनी मौत से भी हाथ धोना पडा था, जबकि कई कर्मचारी घायल हेा गये थे। पार्क प्रबन्धन ने समय रहते आग पर काबू करने की कोषिष नहीं की, जिसके चलते ये हालात पैदा हुए। इस भीषण गर्मी में लगी आग से कितने वन्य प्राणियों को नुकसान हुआ होगा, इसका तो कोई आंकलन नही किया गया। जानकारों की राय के अनुसार इस भीषण आग ने भी उमरिया जिले के तापमान को अप्रत्याषित रूप से बढाने में सहयोग दिया है। जिसका परिणाम उमरिया की जनता को झेलना पड रहा है।
इनका कहना हैः- विभाग के द्वारा जितने पौधों का रोपण किया जाता है, उनकी देखभाल बच्चों के तरह की जाती है। चंदिया के पास नौगंाव में वृक्षारोपण क्यों नहीं हो सका है, इसको दिखला लेता हूॅं।
महाप्रबन्धक वनविकास निगम:- जे के वर्मा
सदानन्द जोषी
its too dangerous for upcoming generation...
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