मिल रहा आष्वासन किसानों को
मिल रहा आष्वासन किसानों को
नहीं दिख रहा कोई परिवर्तन
फोटो:-
उमरिया:- मध्यप्रदेष में सत्ता परिवर्तन किसानों की समस्याओं को पूर्ववर्ती शासन ने हल्के में लेने के कारण ही हुआ था। उसी प्रषासनिक अमले में कोई बदलाव नहीं होने के कारण नये शासन में भी किसानों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उसी प्रकार भटकना और परेषान होना पड रहा है। धान खरीदी नहीं होने से परेषान होने का मामला हो, या शेडनेट हाउस जांच में हो रही देरी का मामला हो। आलम यह है कि सत्तारूढ दल के जिला कांग्रेस और युवाकांग्रेस को जिला कलेक्टर से मिलने के लिए समय लेने के लिए भी तरसना पड रहा है। समय मिल भी गया है तो किसानों की समस्या आष्वासन के अलावा कुछ और मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। हांलाकि नवागत कलेक्टर अमरपाल सिंह से जिले के आम नागरिकों को बहुत आषा है, लेकिन फिलहाल उन्हें ज्यादा राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है। पूरी प्रषासनिक व्यवस्था ठीक उसी प्रकार से चल रही है, जैसे पूर्व कलेक्टर के समय में चल रही थी। ऐसे में जिले के जागरूक और आम नागरिकों को नये कलेक्टर की प्रषासनिक व्यवस्था को देखने का अवसर कितने और समय में देखने को मिलेगा, देखना होगा।
उमरिया जिले में संरक्षित खेती योजना वर्ष 2017- 18 में शेडनेट हाउस निर्माण एंव यंत्रीकरण योजना ब्लाक मानपुर में भारी भ्रष्टाचार किये जाने की षिकायत मुख्यमंत्री हैल्पलाईन में की गयी थी। इस षिकायत की जांच पर तत्कालीन कलेक्टर मालसिंह ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। जांच टीम में किसान कल्याण तथा कृषि विकास से डा पे्रम सिंह, मानपुर तहसील के नायब तहसीलदार दिलीप सिंह, सहायक कृषि यंत्री समीर पटेल में शामिल थे। जांच टीम अपनी कार्रवाई को इसलिए पूरी नहीं कर पा रही है, क्योंकि उद्यानिकी विभाग की ओर से पूरा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। वहीं षिकायतकर्ताओं का कहना है कि जांच टीम स्वंय ही जांच को प्रभावित कर रही है, और सिर्फ जांच का नाटक कर रही हैं। इसका सबसे बडा कारण शेडनेट हाउस में जिन किसानों को इस योजना का लाभ मिला है। इसके लिए भौतिक सत्यापन तकनीकि अधिकारी से होने के बाद इस योजना का लाभ उस किसान को मिल सकता है। इस जांच टीम मंे ही उसी तकनीकि अधिकारी को शामिल किया गया है, जिसने किसानांें की भूमि और अन्य तकनीकि आवष्यकताओं की पूर्ति की थी। जांच टीम में शामिल सहायक कृषि यंत्री समीर पटेल ही किसानों की आवष्यकताओं और शेडनेट हाउस दिये जाने के लिए तकनीकि आवष्यकताओं को पूरा करने वाले अधिकारी है। ऐसे में जांच टीम कितना और कैसे निष्पक्ष जांच करेगी स्वतः समझा जा सकता है।
किसानों की समस्या जस की तस:- नयी सरकार केवल और केवल किसानों मुद्दो को भुनाने के कारण ही सत्ता में आ सकी है। ऐसे में किसानों को महसूस हो रहा था, कि उनकी सभी समस्याओं का हल आसानी से हो सकेगा। लेकिन प्रषासनिक अमले के पास सिवास आष्वासन के किसानों के लिए और कुछ भी नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही नवागत कलेक्टर मालसिंह ने किसानों की धान खरीदी समस्याओं को पूरा करने की बात की कही थी। लेकिन दो -तीन दिन के अंदर में किसानेां के सब्र का बांध टूटता हुआ दिखाई दे रहा है, वे उसी प्रकार अपनी मेहनत की पूंजी को बेचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। आलम यह सत्ता पार्टी के जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष ने नाराज किसानों को लेकर स्वयं अपनी अगुआई में जिला कलेक्टर से कई बार बात कर चुके हैं। लेकिन कलेक्टर के आष्वसन के बाद भी किसानों की धान खरीदी में कोई सुधार होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
इनका कहना:- पूर्व में बैठी षिवराज सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों की धान खरीदी नहीं हो पा रही है। सभी किसानों की समस्याओं का जल्दी ही निराकरण होगा।
जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष, शकील खान उमरिया
नहीं दिख रहा कोई परिवर्तन
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उमरिया:- मध्यप्रदेष में सत्ता परिवर्तन किसानों की समस्याओं को पूर्ववर्ती शासन ने हल्के में लेने के कारण ही हुआ था। उसी प्रषासनिक अमले में कोई बदलाव नहीं होने के कारण नये शासन में भी किसानों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उसी प्रकार भटकना और परेषान होना पड रहा है। धान खरीदी नहीं होने से परेषान होने का मामला हो, या शेडनेट हाउस जांच में हो रही देरी का मामला हो। आलम यह है कि सत्तारूढ दल के जिला कांग्रेस और युवाकांग्रेस को जिला कलेक्टर से मिलने के लिए समय लेने के लिए भी तरसना पड रहा है। समय मिल भी गया है तो किसानों की समस्या आष्वासन के अलावा कुछ और मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। हांलाकि नवागत कलेक्टर अमरपाल सिंह से जिले के आम नागरिकों को बहुत आषा है, लेकिन फिलहाल उन्हें ज्यादा राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है। पूरी प्रषासनिक व्यवस्था ठीक उसी प्रकार से चल रही है, जैसे पूर्व कलेक्टर के समय में चल रही थी। ऐसे में जिले के जागरूक और आम नागरिकों को नये कलेक्टर की प्रषासनिक व्यवस्था को देखने का अवसर कितने और समय में देखने को मिलेगा, देखना होगा।
उमरिया जिले में संरक्षित खेती योजना वर्ष 2017- 18 में शेडनेट हाउस निर्माण एंव यंत्रीकरण योजना ब्लाक मानपुर में भारी भ्रष्टाचार किये जाने की षिकायत मुख्यमंत्री हैल्पलाईन में की गयी थी। इस षिकायत की जांच पर तत्कालीन कलेक्टर मालसिंह ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। जांच टीम में किसान कल्याण तथा कृषि विकास से डा पे्रम सिंह, मानपुर तहसील के नायब तहसीलदार दिलीप सिंह, सहायक कृषि यंत्री समीर पटेल में शामिल थे। जांच टीम अपनी कार्रवाई को इसलिए पूरी नहीं कर पा रही है, क्योंकि उद्यानिकी विभाग की ओर से पूरा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। वहीं षिकायतकर्ताओं का कहना है कि जांच टीम स्वंय ही जांच को प्रभावित कर रही है, और सिर्फ जांच का नाटक कर रही हैं। इसका सबसे बडा कारण शेडनेट हाउस में जिन किसानों को इस योजना का लाभ मिला है। इसके लिए भौतिक सत्यापन तकनीकि अधिकारी से होने के बाद इस योजना का लाभ उस किसान को मिल सकता है। इस जांच टीम मंे ही उसी तकनीकि अधिकारी को शामिल किया गया है, जिसने किसानांें की भूमि और अन्य तकनीकि आवष्यकताओं की पूर्ति की थी। जांच टीम में शामिल सहायक कृषि यंत्री समीर पटेल ही किसानों की आवष्यकताओं और शेडनेट हाउस दिये जाने के लिए तकनीकि आवष्यकताओं को पूरा करने वाले अधिकारी है। ऐसे में जांच टीम कितना और कैसे निष्पक्ष जांच करेगी स्वतः समझा जा सकता है।
किसानों की समस्या जस की तस:- नयी सरकार केवल और केवल किसानों मुद्दो को भुनाने के कारण ही सत्ता में आ सकी है। ऐसे में किसानों को महसूस हो रहा था, कि उनकी सभी समस्याओं का हल आसानी से हो सकेगा। लेकिन प्रषासनिक अमले के पास सिवास आष्वासन के किसानों के लिए और कुछ भी नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही नवागत कलेक्टर मालसिंह ने किसानों की धान खरीदी समस्याओं को पूरा करने की बात की कही थी। लेकिन दो -तीन दिन के अंदर में किसानेां के सब्र का बांध टूटता हुआ दिखाई दे रहा है, वे उसी प्रकार अपनी मेहनत की पूंजी को बेचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। आलम यह सत्ता पार्टी के जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष ने नाराज किसानों को लेकर स्वयं अपनी अगुआई में जिला कलेक्टर से कई बार बात कर चुके हैं। लेकिन कलेक्टर के आष्वसन के बाद भी किसानों की धान खरीदी में कोई सुधार होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
इनका कहना:- पूर्व में बैठी षिवराज सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों की धान खरीदी नहीं हो पा रही है। सभी किसानों की समस्याओं का जल्दी ही निराकरण होगा।
जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष, शकील खान उमरिया
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