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दिल्ली विधानसभा चुनाव तय करेगा देष की आगामी राजनीति
 एक्जिट पोल में आप की जीत 


उमरिया :- आज 8 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे है, इसकी फिक्र पूरे देष को हो रही है। वैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव केवल दिल्ली के लिए है, लेकिन जब से सीएए के विरोध के नाम पर शाहीन बाग में धरना प्रदर्षन किया जा रहा है,उसके कारण आमजन की इस चुनाव में गहरी दिलचस्पी दिखाई दे रही है। दिल्ली का आम चुनाव का फैसला यह बताएगा कि देष की आगामी राजनीति का भविष्य क्या होगा।
सीएए कानून बना गले की हड्डी ! :-

नागरिकता संषोधन कानून अधिनियम के खिलाफ भ्रम का जो वातावरण बना है, उसका प्रभाव पूरे देष में देखा जा रहा है। एनडीए सरकार की यह कोषिष की सीएए केवल नागरिकता देने का कानून है, विपक्ष और इस्लाम धर्म के मानने वाले इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि इस कानून की आड में बीजेपी अपना हिन्दूत्व वादी दृष्टिकोण ही प्रदर्षित कर रही है। इसी वजह से पूरे देष में प्रदर्षनों का दौर ठहरने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कडी में दिल्ली स्थित शाहीन बाग का प्रदर्षन तो पूरे विष्व में विख्यात हो गया है। पक्ष और विपक्ष के इस कष्मकस भरे फैसले से आम आदमी ही पीस रहा है, लेकिन कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं है। विवाद की परिस्थिति में एकमात्र विकल्प संवाद स्थापित करना ही होता है। लेकिन दोनें ही पक्ष संवादहीनता की स्थिति पैदा करते हुए अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोषिष कर रहे हैं। सोषल मीडिया में जिस तरीके से इस कानून के पक्ष या विपक्ष में भ्रम बनाया जा रहा है, उससे तो कोई रास्ता निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि एनडीए शासन ने फिलहाल संसद में लिखित जबाब दे कर यह बता दिया है कि पूरे देष में एनआरसी को लागू नहीं किया जा रहा है।   जागरूक नागरिकों की माने तो यह प्रदर्षन की घडी कम से कम दिल्ली के विधानसभा चुनाव तक तो जारी ही रहेगी।
     
सीएए कानून का होगा लिटमस टैस्ट :-
एनडीए सरकार के द्वारा लागू किये गये नागरिकता संषोधन कानून का विरोध केवल विपक्ष ही कर रहा है, या देष की जनता भी कर रही है, इस बात का फैसला भी मिनी इंडिया यानि दिल्ली के आम चुनाव से हो जायेगा। हांलाकि यह सही है कि दिल्ली राज्य के विधानसभा का चुनाव है। लेकिन जिस प्रकार से अन्य सभी जनहितैषी मुद्दे गौण हो गये है, इस कारण से यह आम राय बन रही है। अभी पूरे देष को सीएए के पक्ष -विपक्ष अपनी -अपनी राय को सही मानते हुए दिल्ली चुनाव के परिणाम का इन्तजार करना पडेगा। दिल्ली चुनाव साबित करेगा कि देष में आगामी भविष्य क्या होने वाला है।चुनाव के एक दिन पूर्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्यव ठाकरे का कहना है कि मोदी षाह योगी की जोरअजमाईष के बावजूद केजरीवाल सब पर भारी है इसकी सच्चाई तो वक्त ही बतायेगा। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दिल्ली चुनाव पर बेतुके बयान का स्वयं केजरीवाल ने भी विरोध किया है। लेकिन एक बात तय है चुनाव के बाद पूरे देष में सीएए के खिलाफ या पक्ष में  जो बयार बह रही है, पानी के बुलबुले के समान शान्त हो जायेगी।भाजपा पुरानी चुनाव की गलती सुधारने की कवायद में इस बार अपना पूरा जोर लगा दिया है एक लाख से भी ज्यादा कार्यकर्ता,स्टार प्रचारक मंत्री दिल्ली में भगवा फहराने के लिये मषक्कत किये है सीएए के पक्ष विरोध के बीच दिल्ली का चुनाव भाजपा के लिये लिटमस टेस्ट से कम नहीं है। केजरीवाल के कार्यों को जनता स्वीकार करेगी। या मोदी योगी ष्षाह की रैली ने हवा का रूख बदल दिया है। इस उहापोह के बीच दिल्ली के मतदाता अपने कर्तव्य का निर्वाह कर वोट जरूर डालने जायें और इस महायज्ञ में अपने अमूल्य मत की आहुति पूरे विवेक बिना भय के अर्पित करें। जिससे कि जनता की पसन्द की सरकार का ही निर्माण दिल्ली में हो ऐसी सभी की मंषा है। यही कारण है कि  8 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा के चुनाव की  फिक्र पूरे देष को हो रही है। मीडिया की और लोग टकटकी बांधे चुनाव का विष्लेषण एक्जिट पोल का रोमांच था, वह भी पूरा हो चुका  है। देष के लगभग सभी न्यूज चैनलों ने तो एक्जिट पोल में आप पार्टी को बहुमत दिखा दिया है। हांलाकि बीजेपी का दावा है कि सभी एक्जिट पोल गलत साबित होगें और बीजेपी की ही जीत होगी।   

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