Congress Spar Over Shivraj Government


शिवराज सरकार पर किये करारे वार

 भूले गये अपनी मर्यादा उमरिया:- 15 सालों से लगातार मध्यप्रदेष में भाजपा की सरकार है। कांग्रेस विगत ढेड दषक से सत्ता से बाहर है। इसे चुनौती के रूप में मानते हुए कांग्रेस की सत्ता बदलो रैली का आयोजन पूरे प्रदेष में कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उमरिया के स्थानीय शहीद भगत सिंह स्टेडियम में भी एक सत्ता बदलो रैली का आयोजन किया। मध्यप्रेदष के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह , नेता प्रतिपक्ष राहुल सिह, महेष जोषी, सत्यव्रत चतुर्वेदी, रामेष्वर नीखरा के साथ दर्जनों नेताओं ने सभा को संबोधित किया। कांग्रेस के सभी वक्ताओं का एकसुर से मत था कि कांग्रेस की एकजुटता नहीं होने के कारण ही हमारी हार होती है। वहीं आप पार्टी के अरविंद कजेरीवाल के नक्षे कदम पर चलते हुए लगातार मंच से एक ही बात कर रहे थे, कि उन्हें जो भी पैसे मिले लें ले। और वोट वे लोग कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे पर ही दें। लेकिन ऐसा करते हुए वे लोग भूल रहे थे कि इस प्रकार से आम जनता को केवल मूख्र्र ही समझ रहे हैं। साथ ही वे उन्हें अपने जमीर और अन्र्तआत्मा की आवाज पर वेाट देने को भी कह रहे थे। जब वे कह रहे हैं कि दूसरी पार्टी वालों से पैसें ले लो और वोट उन्हें देा , इसे क्या समझा जाये।
 दिग्विजय सिंह ने खुले तौर पर मुख्यमंत्री षिवराज सिंह और उनके परिवार के उपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने भाजपा की सरकार को सूट, बूट और लूट वाली सरकार बताया। देष में किसानों का कर्जा माफ करने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं लेकिन उद्योगपतियों के कर्जाें को लगातार माफ किया जा रहा है। तेंदूपत्ता के श्रमिकों की गाढी कमाई के बोनस कोे मनमाने तरीके से बांटने के लिए आडे हाथों लिया। इसके लिए उन्होंने सीधे -सीधे करोडों का घोटाला करार दिया। प्रतिपक्ष के नेता राहुलसिंह ने अधिकांष नेताओ के नाम लेते हुए भाजपा सरकार पर करारे वार किये। घोटालों की सरकार बताते हुए उन्होंने 156 घोटालों का जिक्र किया, जिसे उन्होंने विधानसभा में रखा था। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री षिवराज सिंह की तीन प्राथमिकताऐं थी, उन्हीं तीनेां में बुरी तरीके से फेल हो गये हैं।  किसान लगातार प्रदेष में आत्महत्या कर रहे हैं, और कर्ज के तले दबते जा रहे हैं। वहीं महिला सुरक्षा और कुपोषण के मामले में राज्य  पूरे भारत वर्ष में नम्बर एक पर बना हुआ। आम सभा में अधिकांष नेताओं ने भाजपा के 15 सालों को सुषासन के स्थान पर कुषासन का जिक्र करते हुए उन्हें सत्ता से बेदखल करने का आहवान किया। मंच का संचालन मोहम्मद नईम ने किया। जिला अध्यक्ष राजेष शर्मा, पूर्व विधायक अजय सिंह, त्रिभुवन सिंह, मो असलम और हजारों की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने आम सभा को सफल बनाने के लिए जी जान लगा दिया।  मंच पर भी गुटबाजी के संके त दिख रहे थे। जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस का दामन थामा था, उन नेताओं को सभा में लगातार नजरअंदाज किया गया।

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  2. लोकतंत्र में राजनीति जनसेवा का सशक्त माध्यम है, किन्तु व्यावहारिक तौर पर इसे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति का साधन बना दिया गया है। स्थापित राजनेता अपने जीवनकाल में ही अपने उत्तराधिकारी को स्थापित करने का उपक्रम करते रहे हैं। व्यावसायिक साम्राज्य की भांति राजनीतिक हैसियत का राजतिलक, वास्तव में लोकतंत्र के एकतंत्रात्मक स्वरूप को रेखांकित करता है। यह विडंबना ही है कि तथाकथित जनसेवकों को आम नागरिकों के तारणहार के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया गया है। लोकतंत्र के नाम पर परिवार विशेष का दल विशेष की राजनीति पर एकाधिकार अत्यंत चिंता का विषय है ऐसे में अब राजनीति का शुद्धिकरण होना अत्यंत जरूरी लगता है.....जनता मिलकर ये शुद्धिकरण करे...नेताओं का एक दूसरे पर आरोपों का प्रत्यारोपण जीवन भर चलता रहेगा।

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