Govindacharya Will Return !!!!!!!!!!!!!




BJP's future after Atal  (अटल के बाद भाजपा का भविष्य)
Govindacharya Will Return (गोविन्दाचार्य की होगी वापसी !) 
उमरिया:- अटल बिहारी के अवसान के बाद विभिन्न टीवी चैनलों का मुख्य मुद्दा यह था कि अटल के बाद की भाजपा का स्वरूप कैसा होगा। वहीं कुछ जानकारों का कहना था कि भले ही अटल जी ब्रम्हलीन अभी हुए है, लेकिन देखा जाये तो भाजपा तो आठ सालों से ही अटल के बाद के ही काल को जी रही है। सभी जानते है अटल बिहारी अपनी बीमारी के चलते विगत आठ सालों से सक्रिय राजनीति से पूर्ण रूपेण दूर हैं। लेकिन यह भी तय है कि जिन लोगों का भविष्य अटल जी के कारण पूर्ण रूपेण से अंधकार मय हो गया था, उन सबका तो अब लाईम लाईट में आना तय ही है। ऐसा ही एक नाम किसी समय भाजपा के थिंक टैंक कहलाने वाले गोविन्दाचार्य हैं। गोविन्दा चार्य जी जीवन भर यह बोलते रहे कि उन्होंने अटल जी को भाजपा का मुखौटा नही कहा था, लेकिन मीडिया के द्वारा प्रचारित होने से यह सच के रूप में देखा गया। अटल जी की अंतिम यात्रा में चैनलों में प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के ठीक पीछे गोविन्दाचार्य जी दिखायी दे रहे थे। भाजपा को जानने वालों का कहना है कि भाजपा में ऐसे ही कुछ भी नहीं होता है। इस सिंटिग को इस प्रकार से दिखलाने का महत्व पूरी तरीके से भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही लिया गया है। जिस प्रकार से मोदी, शाह और पीछे गोविन्दाचार्य की तिकडी दिखायी दे रही थी उससे यही लगता है कि इन देानों की मजबूत कडी अब गोविन्दाचार्य ही होगें। इसी से राजनीति के जानकारों का मानना है कि निकट दो से तीन माह के अन्दर ही  गोविन्दाचार्य जी पहले के जैसे ही भाजपा की राजनीति में सक्रिय दिखायी देने लग जायेगें। पूरे देष में मोदी की स्वीकार्यता के बावजूद पूरा विपक्ष लामबन्द हो रहा है। उसे देखते हुए गोविन्दाचार्य की जरूरत भाजपा के लिए बहुत जरूरी दिखायी दे रही है। गोविन्दाचार्य पहले से संघ की पसंद व पूर्णकालिक प्रचारक है, इसे देखते हुए इस तथ्य में कोई अन्र्तविरोध नहीं दिखायी देता है। गोविन्दाचार्य को वर्तमान राजनीति का चाणक्य माना जाता है। इसे देखते हुए भाजपा में गोविन्दाचार्य का आना लगभग तय ही है। 

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