Abandoned one affiliate employee

एक संलग्नीकरण कर्मचारी निलम्बित दूसरे को अभयदान
सीएमएचओ की कार्यशैली पर उठे सवाल
 अस्पताल के मुख्य द्वार पर बह रहा पानी
फोटो:-
उमरिया:-  स्वास्थ्य विभाग में हो रही उठापटक के चलते जिला अस्पताल के मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड रहा है। हाल में लंबे समय से संलग्नीकरण कर्मचारी को जिला कलेक्टर ने निलम्बित कर दिया। उसी जैसी परिस्थिति में रह रहे अन्य कर्मचारी पर सीएमएचओ की मेहरबानी से कर्मचारियों में असंतोष फैल रहा है। उस कर्मचारी पर इस निलम्बन की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।  स्वास्थ्य विभाग प्रमुख सीएमएचओ ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन कार्यालय दोनेां लेखापालों को चुनाव ड्यूटी के लिए तत्काल स्वीकृति देना भी जानकारों के गले नहीं उतर रहा है। दोनेां ही लेखापालों को चुनाव ड्यूटी पर भेजने के कारण अब उन कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। जिन पर पहले से भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए हैं। सीएमएचओ की इस प्रकार की उन्मुक्त कार्यशैली के कारण जानकार लोग लोकायुक्त के दायरे में आये सिविल सर्जन का मामला भी शंका के दायरे में ला रहे हैं। जानकार लोगेां की शंका में भी अब दम दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि सीएस को रंगे हाथों 20 हजार रूपये लेते हुए गिरफतार किया गया था।
संलग्नीकरण कर्मचारी निलम्बित:- जिला कलेक्टर ने लगातार मिल रही शिकायतों केा ध्यान में रखते हुए कठोर निर्णय लिया। लगभग दो दशक से राजेन्द्र तिवारी की पदस्थापना करकेली थी। लेकिन उनके द्वारा जिला अस्पताल के कई विभागों का लिपिक का कार्य किया जा रहा था। वहीं चंदिया में पदस्थ अनिल बारी वर्ग दो के कर्मचारी जो जिला अस्पताल में ही पदस्थ है। चंदिया में होने पर चंदियावासियों को उनका लाभ मिलता। यह विचारणीय बिन्दु है, ठीक उसी प्रकार की परिस्थिति होने पर एक पर कार्रवाही और दूसरे को अभयदान। सीएमएचओ की भेदभाव पूर्ण कार्यशैली का प्रत्यक्ष प्रमाण  वो किस प्रकार से अपने कर्मचारियों के प्रति भेदभाव रखा जा रहा है।
 दोनेां लेखापाल को चुनाव ड्यूटी:- जिला अस्पताल के सीएमचओ और सिविल सर्जन कार्यालय में अलग-अलग इकलौते लेखापालों को चुनाव ड्यूटी के लिए भेजा गया है। वो भी अपने आप में शंका पैदा करता है। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण आर डी त्रिपाठी को स्थानान्तिरित किया गया था। उन्हीं के पुत्र जिसकी भर्ती प्रक्रिया ही संदेह के दायरे में है। वीरेन्द्र त्रिपाठी को दोनों सीएमएचओ और सिविल सर्जन में क्रय शाखा पदस्थापना दिया जाना क्या दर्शाता है।
बनायी जा रही अपनी टीम:- एनआरएचएम के कर्मचारियों को छोडकर संविदा कर्मचारी के माध्यम से आरसीएच डिपार्टमेंट में डीपीएम पद पर नियुक्त किया जाना भी अपने आप शंका के दायरे में है। वहीं सीएमएचओ की कार्यशैली में वे ही कर्मचारी फिट बैठ रहे है, जिन पर किसी ना किसी प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। सीएमएचाओ की जो टीम बन रही है, उससे स्वास्थ्य विभाग चरमरा कर बैठ रहा है। जिसके कारण आम मरीजों को आयुष्मान भारत जैसी योजना हो, या मलेरिया विभाग से किसी प्रकार की राहत नहीं मिल पा रही है। कई दिनों से जिला अस्पताल के प्रमुख द्वार से सैप्टीटैंक का पानी बह रहा है। लेकिन इसे सुधारने के लिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा है।
इनका कहना है:- अस्पताल के द्वार से बह रहे पानी को जल्दी ही बंद करवा दिया जायेगा। अस्पताल में पदस्थ कर्मचारियेां से ही जिला अस्पताल को कार्य करवाया जायेगा, बाहर वालों से नहीं। जो पदस्थ हैं, उन्हीं से कार्य लिया जा रहा है।
मुख्य स्वास्थ्य चिकत्सक और सिविल सर्जन डा राजेश कुमार श्रीवास्तव

Comments

Popular Posts