Bandhavgarh Tiger Reserves in Shahdol: Railway People of Umaria do not get trains Due to the apathy of the people's representatives Trains canceled due to non-interlinking
बांधवगढ टाईगर रिर्जव शहडोल में: रेलवे
उमरिया की जनता को ट्रेनों की नहीं मिलती सौगात
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता बनी बडा कारण
नान इंटरलांिकंग के कारण ट्रेनें स्थगित यात्री परेषान
फोटो:-
उमरिया:- बांधवगढ टाईगर रिजर्व अभी भी रेलवे के मापदंडों में शहडोल जिले के अन्तर्गत माना जाता है। इसका सबसे बडा खामियाजा उमरिया की जनता को भोगना पडता है। विष्वप्रसिद्ध पर्यटन होने के बावजूद उमरिया स्टेषन पर बिना रूके 7 से अधिक सुपरफाॅस्ट ट्रेनें गुजर जाती है। उमरिया जिले से ही सांसद होने के बावजूद अभी तक इस बात को दुरूस्त नहीं किया गया है, कि बांधवगढ टाईगर रिजर्व उमरिया जिले में आता है। बीटीआर उमरिया स्टेषन से मात्र 32 किलोमीटर दूर है, लेकिन रेलवे के मापदंडों के अनुसार यह शहडोल जिले में है। जबकि उमरिया को जिला बने हुए दो दषक हो चुके हैं। ऐसे में सभी सुपर फाॅस्ट टेªनों का स्टाॅपेज बांधवगढ टाईगर रिजर्व के नाम पर शहडोल को आसानी से मिल जाता है। उमरिया शहर की जनता को ऐसी महत्वपूर्ण ट्रेनों से वंचित होना पडता है, जिनसे दो -दो राज्यों का सीधा संबंध बनता है। हमसफर, गरीबरथ, भुज शालीमार, जैसी ट्रेन जिनसे उमरिया का सीधा सम्बन्ध पष्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेष और राजस्थान ,उडीसा राज्यों से है। इन महत्वपूर्ण टेªनांे से सैलानियों का आना आसान हो सकता है, लेकिन थोडी सी जागरूकता की कमी के कारण उमरिया जिले को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिलेे के जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देते हैं, तो इस समस्या का समाधान करना बहुत आसान हो सकता है। कुछ प्रबुद्ध जनों ने प्रदेष भाजपा अध्यक्ष राकेष सिंह से इस समस्या की ओर अवगत कराया था। उनका भी यही कहना था कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि यदि इस समस्या को आगे बढाते हैं, तो इस समस्या का समाधान कराने में हमारा पूरा सहयोग रहेगा। ऐसे में क्षेत्र की जनता को पता नहीं इस समस्या के समाधान के लिए और कितना इंतजार करना पडेगा।
पर्यटन पर पड रहा प्रभाव:- बाघ के दीदार करने वाले सैलानियों को उक्त ट्रेनों के स्टाॅपेज नहीं होने के कारण अपनी चाहत को दफन करना पड जाता है। इससे उमरिया जिले का आर्थिक विकास भी रूक रहा है। बांधवगढ आने वाले पर्यटकों को मजबूरन अन्य टाईगर टूरिस्ट प्लेस की ओर रूख करना पडता है। जबकि सैलानियों की पहली पसंद उमरिया का बांधवगढ ही है। बांधवगढ में घनत्व के आधार पर सबसे अधिक बाघ दिखाई देते है। यहां आने वाले पर्यटकों को बाघों को निहारने का मौका मिल ही जाता है।
कई टेªनें हुई स्थगित:- पष्चिम मध्य रेलवे के कटनी मुरवारा स्टेषन में यार्ड आधुनिकीकरण हेतु नान- इंटरलाकिंग कार्य दिनांक 11 अक्टूबर 2018 से 31 अक्टूबर 2018 तक होने जा रहा है। इस दौरान बिलासपुर मंडल से चलने वाली कुछ सवारी गाडियों का परिचालन प्रभावित रहेगा। गाडी संख्या 51605 और 51606 कटनी मुरवारा- चिरमिरी पैसंेजर रद्द की गयी है। इन्हीं दिनों में भोपाल बिलासपुर एक्सप्रेस कटनी साउथ से प्रारम्भ होगी। उपरोक्त अवधि तक उक्त गाडियां के रद्द होने के कारण रेल प्रषासन ने यात्रियों की असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए सहयोग की आषा की है।
उमरिया की जनता को ट्रेनों की नहीं मिलती सौगात
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता बनी बडा कारण
नान इंटरलांिकंग के कारण ट्रेनें स्थगित यात्री परेषान
फोटो:-
उमरिया:- बांधवगढ टाईगर रिजर्व अभी भी रेलवे के मापदंडों में शहडोल जिले के अन्तर्गत माना जाता है। इसका सबसे बडा खामियाजा उमरिया की जनता को भोगना पडता है। विष्वप्रसिद्ध पर्यटन होने के बावजूद उमरिया स्टेषन पर बिना रूके 7 से अधिक सुपरफाॅस्ट ट्रेनें गुजर जाती है। उमरिया जिले से ही सांसद होने के बावजूद अभी तक इस बात को दुरूस्त नहीं किया गया है, कि बांधवगढ टाईगर रिजर्व उमरिया जिले में आता है। बीटीआर उमरिया स्टेषन से मात्र 32 किलोमीटर दूर है, लेकिन रेलवे के मापदंडों के अनुसार यह शहडोल जिले में है। जबकि उमरिया को जिला बने हुए दो दषक हो चुके हैं। ऐसे में सभी सुपर फाॅस्ट टेªनों का स्टाॅपेज बांधवगढ टाईगर रिजर्व के नाम पर शहडोल को आसानी से मिल जाता है। उमरिया शहर की जनता को ऐसी महत्वपूर्ण ट्रेनों से वंचित होना पडता है, जिनसे दो -दो राज्यों का सीधा संबंध बनता है। हमसफर, गरीबरथ, भुज शालीमार, जैसी ट्रेन जिनसे उमरिया का सीधा सम्बन्ध पष्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेष और राजस्थान ,उडीसा राज्यों से है। इन महत्वपूर्ण टेªनांे से सैलानियों का आना आसान हो सकता है, लेकिन थोडी सी जागरूकता की कमी के कारण उमरिया जिले को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिलेे के जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देते हैं, तो इस समस्या का समाधान करना बहुत आसान हो सकता है। कुछ प्रबुद्ध जनों ने प्रदेष भाजपा अध्यक्ष राकेष सिंह से इस समस्या की ओर अवगत कराया था। उनका भी यही कहना था कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि यदि इस समस्या को आगे बढाते हैं, तो इस समस्या का समाधान कराने में हमारा पूरा सहयोग रहेगा। ऐसे में क्षेत्र की जनता को पता नहीं इस समस्या के समाधान के लिए और कितना इंतजार करना पडेगा।
पर्यटन पर पड रहा प्रभाव:- बाघ के दीदार करने वाले सैलानियों को उक्त ट्रेनों के स्टाॅपेज नहीं होने के कारण अपनी चाहत को दफन करना पड जाता है। इससे उमरिया जिले का आर्थिक विकास भी रूक रहा है। बांधवगढ आने वाले पर्यटकों को मजबूरन अन्य टाईगर टूरिस्ट प्लेस की ओर रूख करना पडता है। जबकि सैलानियों की पहली पसंद उमरिया का बांधवगढ ही है। बांधवगढ में घनत्व के आधार पर सबसे अधिक बाघ दिखाई देते है। यहां आने वाले पर्यटकों को बाघों को निहारने का मौका मिल ही जाता है।
कई टेªनें हुई स्थगित:- पष्चिम मध्य रेलवे के कटनी मुरवारा स्टेषन में यार्ड आधुनिकीकरण हेतु नान- इंटरलाकिंग कार्य दिनांक 11 अक्टूबर 2018 से 31 अक्टूबर 2018 तक होने जा रहा है। इस दौरान बिलासपुर मंडल से चलने वाली कुछ सवारी गाडियों का परिचालन प्रभावित रहेगा। गाडी संख्या 51605 और 51606 कटनी मुरवारा- चिरमिरी पैसंेजर रद्द की गयी है। इन्हीं दिनों में भोपाल बिलासपुर एक्सप्रेस कटनी साउथ से प्रारम्भ होगी। उपरोक्त अवधि तक उक्त गाडियां के रद्द होने के कारण रेल प्रषासन ने यात्रियों की असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए सहयोग की आषा की है।
रेल्वे के मापदंडों के मुताबिक बांधवगढ़ को उमरिया जिले में शामिल करना चाहिए इससे हमारे जिले का विकास होगा व पर्यटकों के सीधे उमरिया आने से यहां के लोगों को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
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