Misuse of IAP Budget

अब षिफ्ट होगा आंगनबाडी केन्द्र
आईएपी मद का किया गया दुरूपयोग
नयी गाईड लाईन के दायरे में है, आंगनबाडी केन्द्र
बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर लेना है निर्णय
फोटो:- सडक के किनारे है आंगनबाडी केन्द्र वार्ड नम्बर 15
उमरिया:- नदी, तालाब, कुआं, खुले गढ्ढे, और मुख्य सडक किनारे स्थित आंगनबाडी केन्द्र किराए के भवन में षिफ्ट किये जायेगे। राज्य सरकार ने आंगनबाडी जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर ये फैसला लिया है।  महिला बाल विकास विभाग के लिए इसे लेकर गाईड लाईन जारी की गयी है। ऐसे में अब जिले केे कई आंगनबाडी केन्द्रों को किराये के भवन में षिफ्ट करना पडेगा। जिला मुख्यालय में ही वार्ड नम्बर 15 की आंगनबाडी केन्द्र तो स्टेषन रोड के किनारे और नीचे गढ्ढे में बनायी गयी है। इस आंगनबाडी के बनते समय ही कई अभिभावकों के द्वारा इसका विरोध किया गया था। लेकिन विभाग के तत्कालीन अधिकारी और निर्माण एजेंसी ने इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया। कलेक्टर के जी तिवारी के कार्यकाल में इस आंगनबाडी केन्द्र को आईएपी मद से बनवाया गया था। नयी गाईड लाईन के अनुसार इस प्रकार के भवनों को किराये के भवन मेें षिफ्ट करने पडेगें। इस आंगनबाडी केन्द्र पढ रहे बच्चों के अभिभावक अभी से चिन्ता में पड गये हैें। इन बच्चों को अब किस किराये के भवन में जाना पडेगा। गौरतलब है कि जिले में और भी कई आंगनबाडी केन्द्र ऐसे हैं, जिनके ठीक सामने खुले हुए कुंए भी हैं। ऐसे सभी आंगनबाडी केन्द्रों को चयन करना भी एक समस्या रहेगा।
आईएपी मद से बना आंगनबाडी केन्द्र:- स्टेषन रोड शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग है। इस आंगनबाडी को आईएपी मद से बनवाया गया है। जबकि वैसे ही आईएपी मद का उपयोग केवल आईएपी के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों के लिए था। आईएपी इंटीग्रेटेड एक्षन प्लान के तहत जिले की सीमा से लगे 17 ग्रामों को चयनित किया गया था। जिसका मुख्य उद्देष्य नक्सल संवेदनषील गावों को नक्सल समस्या से दूर रखना था। नक्सल संवेदनषील ग्राम उन्हें माना जाता है, जहां नक्सली समस्या बढने की संभावना हो। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने आईएपी के तहत युवाओं के रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उक्त बजट को स्वीकृत किया था। जिससे इन ग्रामों के आधारभूत संरचना में बदलाव करते हुए इन गांवों की तस्वीर को बदला जा सके। लेकिन वहां के लिए आवंटित बजट को अनावष्यक रूप से इधर से उधर खर्च कर दिया गया। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सीएस सोलंकी ने भी इस बात का विरोध किया था। उनका मानना था, इस मद का उपयोग केवल आईएपी ग्रामों के लिए होना चाहिये था। इसके बावजूद भी उस समय स्टेषन रोड के किनारे के गढ्ढे में इस आंगनबाडी केन्द्र को बनवा दिया गया था, जिसका खामियाजा अब भुगतना पडेगा। इस केन्द्र के बच्चों को यहां से दूर किराये के भवन में पढाना पडेगा। अभिभावकों से लेकर सभी सम्बन्धित जनों को जाने कितनी समस्या का सामना करना पडेगा।
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