पब्लिक है, ये सब जानती है जनता नाराज लेकिन जिताया उन्हींको
पब्लिक है, ये सब जानती है
पीएम आवास बनेगा जीत का आधार:- सर्वे
जनता नाराज लेकिन जिताया उन्हींको
उमरिया:- आम मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम मषीनों में दे दिया। बिना शोर गुल के हुए इस विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने आखिरी समय तक चुप्पी ओढे रखी। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष भले ही आम जनता को भोली बता रहे हो। लेकिन उमरिया जिले की जनता की ही बात की जाये तो उसने बता दिया कि वो भोली नहीं है, बल्कि चतुर सुजान है। आमजनता ने अपना फैसला ईवीएम मषीन में कैद कराने के बाद भी यह नहीं बता रही कि उसने अपना विधायक किसे चुना है। यहंा तक मीडिया के सवालों को गोल कर गयी। क्योंकि वह भी तो जानती है कि ये भी तो किसी ना किसी राजनैतिक दलों से संबंध रखने वाले ही हैं, उनकी बातों का उत्तर क्यों दिया जाये। अधिकांष मीडियाकर्मियों की किसी ना किसी राजनैतिक दल के प्रति अपनी वफादारी निभाते हुए नजर आने के कारण आम जनता ने उन्हें टका सा जबाब दिया तो क्या गलत किया। आमजनता के द्वारा सुनाया हुआ फैसला तो अब 11 दिसम्बर को आएगा ही , लेकिन लोगों की संतुष्टी के लिए ही जो काल्पनिक सर्वे किया गया उसका परिणाम तो बताया जा रहा है। इसके पूरा होने की कोई गारंटी नहीं है।
जनता ने सिखाया सबक:- आम जनता की राय के अनुसार अहंकार को हटाने और मिटाने का प्रयास किया है। इसमें तो जनता की जीत निष्चित ही हो गयी है, क्योंकि अधिकांष कद्दावर प्रत्याषियों के चेहरे की हवाईयां उड गयी। जब जनता खामेाष थी इसका मतलब कतई नहीं था कि वे उमरिया में कोई बदलाव चाह रहे हैं। वो केवल सबक देना चाहती थी कि यदि आप हमारे लिए कोई कार्य नहीं करोगो तो हमेैं भी जबं मौका मिलेगा तो छोडगें नहीं। जनता ने विपक्षी हो या सत्ता दल के राजनैतिक दल सबको एक ही तराजू पर रख कर तौल रही थी। उनका कहना था कि विपक्षी राजनैतिक दलों ने कब हमारे लिए आंदोलन किया। इसी आधार पर सत्तादल के अनुषांगीक एबीवीपी संगठन के कार्यकर्ता कहते रहते है कि जितने ज्ञापन उन्होंने दिये है , उसके आधे भी यदि विपक्षी राजनैतिक दलों के द्वारा दिये जाते तो सत्ता में परिवर्तन हो सकता था। इसीसे विपक्ष की राजनीति को समझा जा सकता है। उनके लिए तो सभी राजनैतिक दल सांपनाथ और नागनाथ ही है, किसी के भी आने जाने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पडता है।
पीएम आवास बना जीत की वजह:- सत्ता पक्ष के दोनों उम्मीदवारों से जनता की खासी जग जाहिर नाराजगी थी। इसके चलते कई स्थानों पर वीडियो वायरल होना और कई स्थानेां पर चुनाव के बहिष्कार करने की घोषणा तक की गयी थी। संभावना और सर्वे के अनुसार बीजेपी को जीत मिल रही है, उसका प्रमुख और एक मात्र कारण प्रधानमंत्री आवास योजना योजना ही है। अधिकांष मतदाताओं कहना था कि इस योजना का लाभ लिया है, कम से कम एक बार तो उनका कर्जा पटायें। सर्वे की माने तो आम जनता ने तो अब कर्जा पटा दिया है लेकिन क्या विजयी उम्मीदवार जनता के द्वारा सिखाये सबक से सबक लेगें।
पीएम आवास बनेगा जीत का आधार:- सर्वे
जनता नाराज लेकिन जिताया उन्हींको
उमरिया:- आम मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम मषीनों में दे दिया। बिना शोर गुल के हुए इस विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने आखिरी समय तक चुप्पी ओढे रखी। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष भले ही आम जनता को भोली बता रहे हो। लेकिन उमरिया जिले की जनता की ही बात की जाये तो उसने बता दिया कि वो भोली नहीं है, बल्कि चतुर सुजान है। आमजनता ने अपना फैसला ईवीएम मषीन में कैद कराने के बाद भी यह नहीं बता रही कि उसने अपना विधायक किसे चुना है। यहंा तक मीडिया के सवालों को गोल कर गयी। क्योंकि वह भी तो जानती है कि ये भी तो किसी ना किसी राजनैतिक दलों से संबंध रखने वाले ही हैं, उनकी बातों का उत्तर क्यों दिया जाये। अधिकांष मीडियाकर्मियों की किसी ना किसी राजनैतिक दल के प्रति अपनी वफादारी निभाते हुए नजर आने के कारण आम जनता ने उन्हें टका सा जबाब दिया तो क्या गलत किया। आमजनता के द्वारा सुनाया हुआ फैसला तो अब 11 दिसम्बर को आएगा ही , लेकिन लोगों की संतुष्टी के लिए ही जो काल्पनिक सर्वे किया गया उसका परिणाम तो बताया जा रहा है। इसके पूरा होने की कोई गारंटी नहीं है।
जनता ने सिखाया सबक:- आम जनता की राय के अनुसार अहंकार को हटाने और मिटाने का प्रयास किया है। इसमें तो जनता की जीत निष्चित ही हो गयी है, क्योंकि अधिकांष कद्दावर प्रत्याषियों के चेहरे की हवाईयां उड गयी। जब जनता खामेाष थी इसका मतलब कतई नहीं था कि वे उमरिया में कोई बदलाव चाह रहे हैं। वो केवल सबक देना चाहती थी कि यदि आप हमारे लिए कोई कार्य नहीं करोगो तो हमेैं भी जबं मौका मिलेगा तो छोडगें नहीं। जनता ने विपक्षी हो या सत्ता दल के राजनैतिक दल सबको एक ही तराजू पर रख कर तौल रही थी। उनका कहना था कि विपक्षी राजनैतिक दलों ने कब हमारे लिए आंदोलन किया। इसी आधार पर सत्तादल के अनुषांगीक एबीवीपी संगठन के कार्यकर्ता कहते रहते है कि जितने ज्ञापन उन्होंने दिये है , उसके आधे भी यदि विपक्षी राजनैतिक दलों के द्वारा दिये जाते तो सत्ता में परिवर्तन हो सकता था। इसीसे विपक्ष की राजनीति को समझा जा सकता है। उनके लिए तो सभी राजनैतिक दल सांपनाथ और नागनाथ ही है, किसी के भी आने जाने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पडता है।
पीएम आवास बना जीत की वजह:- सत्ता पक्ष के दोनों उम्मीदवारों से जनता की खासी जग जाहिर नाराजगी थी। इसके चलते कई स्थानों पर वीडियो वायरल होना और कई स्थानेां पर चुनाव के बहिष्कार करने की घोषणा तक की गयी थी। संभावना और सर्वे के अनुसार बीजेपी को जीत मिल रही है, उसका प्रमुख और एक मात्र कारण प्रधानमंत्री आवास योजना योजना ही है। अधिकांष मतदाताओं कहना था कि इस योजना का लाभ लिया है, कम से कम एक बार तो उनका कर्जा पटायें। सर्वे की माने तो आम जनता ने तो अब कर्जा पटा दिया है लेकिन क्या विजयी उम्मीदवार जनता के द्वारा सिखाये सबक से सबक लेगें।
very good !!!!!!!!!!
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