Triangular clash may happen in Bandhavgarh by rebel candidate!

आज हो रही नामवापिसी
बागी प्रत्याषी से बांधवगढ में हो सकता है त्रिकोणीय संघर्ष !
कुल 20 में से हीे होगें हमारे दो विधायक


उमरिया:- जिले में आदिवासी बहुल होने के कारण इसकी दोनांे विधानसभा को आरक्षित घोषित किया गया है। आदिवासियों में गांेड, कोल, बैगा आदिवासी हैं। जिले में गौंड और बैगा आदिवासियेां की संख्या में बहुत अन्तर नहीं है। जानकारी के अनुसार बैगाओं को गौंड समाज का पंडित और चिकत्सक माना जाता है। इसके बावजूद भी दोनों विधानसभाओं में केवल गौंड समाज के प्रतिनिधियों का ही आधिपत्य बना हुआ है। बैगा समाज जो परम्परागत रूप से आदिवासियों के पंडित माने जाते है। आदिवासियों के अन्य समाज के लोग शादी-विवाह और अन्य शुभदिन के लिए बैगाओं से ही पूछताछ की जाती है। इसके साथ ही बैगाओं का ज्ञान जडी-बूटियों में बहुत अधिक है, इसी के आधार पर प्राचीन काल से इनके द्वारा आदिवासी और सामान्य समाज के लोगों की भी  चिकित्सा की जा रही है। इनसे सभी वर्गों को लाभ मिल रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि बैगा षिक्षा और चिकित्सा दोनों विभाग में इस समाज में अव्वल हैं, इसके बावजूद अभी तक भी इनको यथोचित सम्मान और अवसर नहीं मिल सका। इसीको देखते हुए ही बांधवगढ विधानसभा में बैगा उम्मीदवार सतीलाल बैगा ने भाजपा से वंषवाद की बेल का विरोध करते हुए निर्दलीय प्रत्याषी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। मानपुर विधानसभा से कांग्रेस से भी बागी प्रत्याषी के रूप में तिलकराज सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार आपसी मान मनोव्वल के बाद तिलकराज सिंह अपना नामांकन वापिस ले रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वहीं भाजपा के बागी प्रत्याषी के रूप में सतीलाल बैगा का चुनाव लडना लगभग तय माना जा रहा है।
बांधवगढ में हो सकता है त्रिकोणीय संघर्ष:- यदि भाजपा के बागी प्रत्याषी सतीलाल बैगा ने अपना नामांकन वापिस नहीं लिया तो इस बार बांधवगढ विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय संघर्ष के रूप में परिणीत होना तय है। ऐसे हालत में राजनीति का ककहरा सिखने पहुंचे कांग्रेस के बुजुर्ग ध्यान सिंह परस्ते, डेढ साल की विधायक पद का अनुभव ले चुके भाजपा के युवा षिवनारायण सिंह उर्फ लल्लू भैया और भाजपा के बागी प्रत्याषी सतीलाल बैगा में सीधी टक्कर होगी। ध्यानसिंह परस्ते कुछ सालों पहले तक षिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाऐं दे रहे थे ,सेवानिवृत्ति के बाद कांग्रेस में शामिल हुए हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कमलनाथ के गुट का होने के कारण पहली बार में ही उन्हें टिकट दे दिया गया। भाजपा के षिवनारायण सिंह के पास 4 दषकों के पिता सांसद ज्ञानसिंह की विरासत के साथ स्वयं के उपचुनाव में विजयी होने के बाद बने विधायक पद का अनुभव है। वहीं सतीलाल बैगा को 5 साल के जनपद अध्यक्ष पद का अनुभव होने के साथ बैगा समाज के सर्वमान्य नेता के रूप में अपनी पहचान मानी जा रही है। उनके समर्थकों की माने तो कम से कम बांधवगढ विधानसभा क्षेत्र में तो इन्हें बैगा समाज के लिए काम करने वाले नेता माना जाता है।
नाम वापिसी होगी आज:- बांधवगढ से एक प्रत्याषी का पहले ही से नामांकन रद्द हो जाने कारण इस समय दोनों विधानसभा में कुल 20 प्रत्याषी मैदान में नजर आ रहे हैं। जिनमें से तिलकराज सिंह के द्वारा नाम वापिसी की खबरें अब आम हो चुकी है। इसके अलावा और कितने प्रत्याषी अपना नामांकन वापिस लेते है, इस पर सबकी नजर बनी हुई है। विषेष भाजपा बागी प्रत्याषी तिलकराज सिंह के उपर तो सभी दलों के साथ आम जनता की निगाहें भी टिकी हुई हैं। यदि भाजपा बागी प्रत्याषी अपना नामांकन वापिस नहीं लेते हैं, तो मानपुर विधानसभा के तरह ही इस विधानसभा में रोमांच भर जायेगा। फिलहाल दोनेां विधानसभा में कांग्रेस के ध्यान सिंह परस्ते, भाजपा के षिवनारायण सिंह, बसपा से षिवप्रसाद कोल, आप पार्टी से कृष्ण कुमार , गौंडवाना गणतंत्र पार्टी से राममिलन बैगा, भारतीय शक्ति चेतना पाटी से विजय सिंह सपाक्स सरजू कोल, निर्दलीय उम्मीदवार झमुआ कोल, सतीलाल बैगा, अभ्यिर्थियों में शामिल हैं।  मानपुर विधानसभा के लिए कांग्रेस से ज्ञानवती सिंह, भाजपा से मीनासिंह, बसपा से रेखा केाल, आप पार्टी से रामकरण कोल, गोंडवाना गंणतंत्र पार्टी से देवलाल सिंह , भारतीय जनता शक्ति चेतना पार्टी से मुनीष्वर सिंह, सपाक्स पार्टी से अन्नु कोल, पीपुल्स पार्टी आफ इण्डिया लक्ष्यपत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार तिलक राज सिंह, रामप्रसाद बैगा, श्याम लाल बैगा शामिल है। इन्हें में कोई दो विधायक अब मानपुर और बांधवगढ क्षेत्र की जनता की सेवा करेगें।

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