मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यषैली सवालों के घेरे में अधीनस्थ चिकत्सक सोषल मीडिया में रो रहे अपना दुखडा
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यषैली सवालों के घेरे में
अधीनस्थ चिकत्सक सोषल मीडिया में रो रहे अपना दुखडा
अस्पताल में नहीं मिलती सोनाग्राफी की सुविधा
उमरिया:- जिला अस्पताल में मरीजों का परेषान होने की कोई घडी समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। जिला अस्पताल में मषीनें है, तो उनका उपयोग नहीं होता। डाक्टर हैं, तो मरीजों को देखते नहीं हैं। जिला अस्पताल के डाक्टर या रेडियोलाॅजिस्ट सब अपने निवास और अपने निर्धारित निष्चित स्थानों पर मरीजों को मिलने के लिए बुलाते हैं। इससे दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब मरीजों को हलकान और परेषान होना पड रहा है। ऐसे में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की लाचारगी, बेचारगी वाली कार्यषैली, आग में घी डालने का ही कार्य कर रही है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के अधीनस्थ अधिकांष डाक्टर और अधिकारी अपने मनमर्जी से ही कार्य करना चाहते हैं और कर रहे हैं। ऐसा क्यों करते है, किसलिये करते है, इसका कोई माकूल उत्तर नहीं है। सीएमएचओ कुछ समय पहले तक मलेरिया अधिकारी डीपी पटेल के सामने नतमस्तक थे, उनके अनुसार वे उनका निर्देष नहीं मानते है। अब जब उन्होंने एक अन्य अधिकारी को उनके निजी निवास में सोनाग्राफी करने के लिए रोकने की कोषिष की। तो उस अधिकारी ने सोषल मीडिया में अपना दर्द बयान कर दिया। इसके साथ ही उसने कई जिम्मेदार विभागों में षिकायत भी की सीएमएचओ उनके साथ नाइंसाफी कर रहे है, साथ ही बेहद खराब व्यवहार कर रहे हैं। अधिकारी के अनुसार सीएमएचओ जातिगत सूचक भावनाओं के आधार पर इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं। ऐसे में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी बेचारगी भरे में स्वर में बस यही कह पा रहे हैं, कि उक्त अधिकारी के खिलाफ मानहानि का दावा करेगें।
सोनाग्राफी का नहीं मिलता लाभ:-जिला अस्पताल में पहुंचने वाले गरीब मरीजों के लिए सोनाग्राफी की सुविधा है। लेकिन उन्हें सोनाग्राफी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गरीब मरीजों के आरोप के अनुसार इसका प्रमुख कारण विगत 10 सालेां से पदस्थ रेडियोलाॅजिस्ट डा दिनेष कोंडिया अपने निजी निवास में ही सोनाग्राफी करते है। सोनाग्राफी मषीन जिला अस्पताल की हमेषा खराब बनी रहती है। इसकी षिकायत सीएम हैल्प लाईन में भी की गयी है। ऐसे हालत में जब मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी उन्हें जिला अस्पताल में ही सोनाग्राफी करने के निर्देष देते हैं, तो उन्हीं के खिलाफ षिकायतों का दौर शुरू कर दिया जाता है। सच क्या है , यह तो कोई जांच होने पर ही कहा जा सकता है।
कर भला हो भला,कर बुरा हो ---:- कुछ समय पहले मलेरिया अधिकारी डीपी पटेल ने अपनी मनमर्जी से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी का वेतन आठ माह तक नहीं दिया था। ऐसे मंे जब मीडिया के सवालों पर सीएमएचओ साहब ने यही जबाब दिया था, कि वे क्लाष टू अधिकारी हमारे निर्देष को नहीं सुनते हैं। जिस अधिकारी को उस समय सीएमएचओ बचाने की कोषिष कर रहे थे, अब वे ही उनकी परेषानी का सबब बन गये हैं। सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है कि मलेरिया अधिकारी के द्वारा ही अपने दूसरे अधिकारी को भी मनमानी करने की सलाह दी जा रही है। इसी कारण से ही रेडियोलाजिस्ट अधिकारी भी अपने समस्त ज्ञान के साथ अपनी कारस्तनियों को छुपाने के लिए सीधे ही सोषल मीडिया में अपना दुखडा रोना शुरू किया है। वायरल पत्र में बताया गया है कि ,किस प्रकार से सीएमएचओ उसे प्रताडित कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के तमाम जिम्मेदार विभाग से लेकर जिला कलेक्टर तक सीएमएचओ की षिकायत की गयी है।
इनका कहना है:- रेडियोलाॅजिस्ट को जिला अस्पताल में सोनाग्राफी करने के निर्देष दिये गये हैं। यदि कोई अनावष्यक तरीके से पद की गरिमा को गिराने की कोषिष करेगा, तो उसके खिलाफ मानहानि का परिवाद दाखिल किया जायेगा।
जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जन:- डा राजेष श्रीवास्तव
अधीनस्थ चिकत्सक सोषल मीडिया में रो रहे अपना दुखडा
अस्पताल में नहीं मिलती सोनाग्राफी की सुविधा
उमरिया:- जिला अस्पताल में मरीजों का परेषान होने की कोई घडी समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। जिला अस्पताल में मषीनें है, तो उनका उपयोग नहीं होता। डाक्टर हैं, तो मरीजों को देखते नहीं हैं। जिला अस्पताल के डाक्टर या रेडियोलाॅजिस्ट सब अपने निवास और अपने निर्धारित निष्चित स्थानों पर मरीजों को मिलने के लिए बुलाते हैं। इससे दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब मरीजों को हलकान और परेषान होना पड रहा है। ऐसे में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की लाचारगी, बेचारगी वाली कार्यषैली, आग में घी डालने का ही कार्य कर रही है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के अधीनस्थ अधिकांष डाक्टर और अधिकारी अपने मनमर्जी से ही कार्य करना चाहते हैं और कर रहे हैं। ऐसा क्यों करते है, किसलिये करते है, इसका कोई माकूल उत्तर नहीं है। सीएमएचओ कुछ समय पहले तक मलेरिया अधिकारी डीपी पटेल के सामने नतमस्तक थे, उनके अनुसार वे उनका निर्देष नहीं मानते है। अब जब उन्होंने एक अन्य अधिकारी को उनके निजी निवास में सोनाग्राफी करने के लिए रोकने की कोषिष की। तो उस अधिकारी ने सोषल मीडिया में अपना दर्द बयान कर दिया। इसके साथ ही उसने कई जिम्मेदार विभागों में षिकायत भी की सीएमएचओ उनके साथ नाइंसाफी कर रहे है, साथ ही बेहद खराब व्यवहार कर रहे हैं। अधिकारी के अनुसार सीएमएचओ जातिगत सूचक भावनाओं के आधार पर इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं। ऐसे में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी बेचारगी भरे में स्वर में बस यही कह पा रहे हैं, कि उक्त अधिकारी के खिलाफ मानहानि का दावा करेगें।
सोनाग्राफी का नहीं मिलता लाभ:-जिला अस्पताल में पहुंचने वाले गरीब मरीजों के लिए सोनाग्राफी की सुविधा है। लेकिन उन्हें सोनाग्राफी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गरीब मरीजों के आरोप के अनुसार इसका प्रमुख कारण विगत 10 सालेां से पदस्थ रेडियोलाॅजिस्ट डा दिनेष कोंडिया अपने निजी निवास में ही सोनाग्राफी करते है। सोनाग्राफी मषीन जिला अस्पताल की हमेषा खराब बनी रहती है। इसकी षिकायत सीएम हैल्प लाईन में भी की गयी है। ऐसे हालत में जब मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी उन्हें जिला अस्पताल में ही सोनाग्राफी करने के निर्देष देते हैं, तो उन्हीं के खिलाफ षिकायतों का दौर शुरू कर दिया जाता है। सच क्या है , यह तो कोई जांच होने पर ही कहा जा सकता है।
कर भला हो भला,कर बुरा हो ---:- कुछ समय पहले मलेरिया अधिकारी डीपी पटेल ने अपनी मनमर्जी से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी का वेतन आठ माह तक नहीं दिया था। ऐसे मंे जब मीडिया के सवालों पर सीएमएचओ साहब ने यही जबाब दिया था, कि वे क्लाष टू अधिकारी हमारे निर्देष को नहीं सुनते हैं। जिस अधिकारी को उस समय सीएमएचओ बचाने की कोषिष कर रहे थे, अब वे ही उनकी परेषानी का सबब बन गये हैं। सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है कि मलेरिया अधिकारी के द्वारा ही अपने दूसरे अधिकारी को भी मनमानी करने की सलाह दी जा रही है। इसी कारण से ही रेडियोलाजिस्ट अधिकारी भी अपने समस्त ज्ञान के साथ अपनी कारस्तनियों को छुपाने के लिए सीधे ही सोषल मीडिया में अपना दुखडा रोना शुरू किया है। वायरल पत्र में बताया गया है कि ,किस प्रकार से सीएमएचओ उसे प्रताडित कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के तमाम जिम्मेदार विभाग से लेकर जिला कलेक्टर तक सीएमएचओ की षिकायत की गयी है।
इनका कहना है:- रेडियोलाॅजिस्ट को जिला अस्पताल में सोनाग्राफी करने के निर्देष दिये गये हैं। यदि कोई अनावष्यक तरीके से पद की गरिमा को गिराने की कोषिष करेगा, तो उसके खिलाफ मानहानि का परिवाद दाखिल किया जायेगा।
जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जन:- डा राजेष श्रीवास्तव
swaal to uthega hi
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