Make rebel prizes or play spoilsport....!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
बागी प्रत्याषी बनायेगे या बिगाडेगें खेल
दोनों प्रमुख राजनैतिक दलों में है बागी
कार्यकर्ताओं को मिलने लगा सम्मान,
कार्यकर्ता ही दिलायेगें किसी को जीत
फोटो:- बागी प्रत्याषी तिलक राज सिंह, बागी प्रत्याषी सतीलाल बैगा
कार्यकर्ताओं के गले में पडने लगी माला
उमरिया:- दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों से कद्दावर नेताओं के बागी बनने से चुनावी समीकरण एकदम से बिगडने लग गये हैं। कांग्रेस पार्टी के बागी प्रत्याषी बने तिलकराज सिंह का नामांकन फार्म भरते समय यह कहना। हम तो डूबेगें --- तुम्हें भी ले डूबेगें वाली बात। गाने का मुखडा उमरिया जिले की चुनावी हालात और उसमे हो रही दौड -भाग को अच्छे से बता पा रहा है। इससे उबरने के लिए दोनों पार्टियों को अच्छी खासी मषक्कत करनी पडेगी। अब चुनावी पंडितों का मानना है कि यदि राजनैतिक दल यदि अपने बागी प्रत्याषियों को सम्भाल नहीं पायेगें तो चुनावी गणित बडी मुष्किल होगी। वहीं कुछ का कहना है कि व्यक्ति से बहुत बडी पार्टी होती है, इसलिए किसी के आने -जाने से कुछ बिगडने वाला नहीं है। हालात को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि 15 साल के एंटीइनकंबेसी फैक्टर से बचने के लिए दोनेां पार्टियों को अपने बागी प्रत्याषी को सम्भालने में ही भलाई है। भाजपा से कभी जनपद अध्यक्ष रह चुके सतीलाल बैगा ने भी भाजपा के बढते हुए वंषवाद की बेल को रोकने के नाम पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरा है। अब देखना यह है कि नामांकन फार्म वापसी तक कितने नामांकन फार्म को वापिस लिया जाता है। एक बात तो तय है कि इस बार चुनाव की गणित केवल और केवल कार्यकर्ताओं के कंधे पर है, जो इन्हें संभालेगें वही जीत पायेगा।
जनता से पूछेगंे बागी उम्मीदवार:- मानपुर क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के लिए सिरदर्द बनने वाले तिलक राज सिंह का मीडिया से यह कहना कि वे अपनी क्षेत्र की जनता से रायमषविरा करेगें। उन्हें चुनाव निर्दलीय प्रत्याषी के रूप में खडे रहना है या नहीं अपने आप में बता रहा है कि वे केवल अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। तिलकराज सिंह का टिकट कटने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार विधायक पद का उम्मीदवार बनने वाली ज्ञानवती सिंह का कहना भी कि तिलकराज हमारा भाई है, वो हमारे साथ खडा होगा। जैसे ही उनसे मान मनौव्वल की जायेगी, उनकी नाराजगी दूर होने की संभावना दिखाई दे रही है। जिस प्रकार से कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी से अपने बिगडे हुए पत्तों को सुधारने में लग गये हैं, उससे तो यही लगता है कि इस बार चुनावों में जीत का अन्तर बहुत ही कम होने वाला है। एक तरफ तो भाजपा की मीनासिंह हैं जो प्रदेष की सबसे शक्तिषाली उम्मीदवारों में से एक है। जिनके पास क्षेत्र की जनता का विष्वास और श्रद्धा है। जनता के लिए उनके द्वारा किये गये जनहितकारी कल्याण कारी कार्य हैं। जो विगत 15 सालों से अनवरत जारी है। वहीं उन्हें ब्राहम्ण वोटों की नाराजगी से जूझना पड रहा है। ब्राहम्णों के त्रिदेव भी कांग्रेस के पास हैं। प्रदेष के मुखिया का माई के लाल वाला बयान भी मानपुर क्षेत्र में काफी गुंजायमान है। ऐसे में जनता एक दिलचस्प चुनाव की साक्षी बनने के लिए तैयार हो चुकी है।
बागी प्रत्याषी भाजपा या कांग्रेस के लिए सिरदर्द:- भाजपा से बागी हुए सतीलाल बैगा का बागी होना किस राजनैतिक दल के लिए सिरदर्द बनेगें, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में यहां के राजनैतिक पंडितों का अलग ही राय है। उनके अनुसार सतीलाल बैगा का बागी प्रत्याषी बनना भाजपा के लिए काफी मददगार ही साबित होने जा रहा है। सतीलाल की पूरी फैन फालोइंग कांग्रेस के लिए ही सिरदर्द बनने जा रही है। ऐसे में नये प्रत्याषी बने ध्यानसिंह परस्ते के लिए तो मुंड मुडाते ही ओले पडने जैसी कहावत साबित होती दिख रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी की मजबूत प्रत्याषी बनती हुई दिख रही सावित्री सिंह का अंतिम क्षणों में समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाना भी कांग्रेस के लिए ही गढ्ढा खोदने जैसी स्थिति बन रही है। फिलहाल ऐसी स्थिति में पर भाजपा के ज्ञानसिंह के सुपुत्र के चुनावी हथकंडों के सामने अन्य प्रत्याषी बौने साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उमरिया के राजनैतिक पंडितों के अनुसार तो बांधवगढ विधानसभा मे जो कुछ भी होता हुआ दिखाई दे रहा है वो केवल भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा मात्र है। मुख्यमंत्री षिवराज भी यहां के कार्यकर्ताओं के गले लग-लग कर बधाई दे रहे है, और अपनी माला भी उन्हें ही पहना रहे हैं। ऐसे हथकंडों से कार्यकर्ताओं में जोष बढ रहा है। इस सबका चुनावों में कितना असर होता हुआ दिखाई देगा यह तो भविष्य ही बतायेगा।
आप पार्टी बनायेगी 52 जिला जेल:- नामांकन फार्म के अंतिम दिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और प्रवक्ता काफी जोष में थे। उनका कहना था कि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। पार्टी प्रवक्ता जोष में कह रहे थे कि इनके सत्तारूढ दल हो या विपक्ष उनके द्वारा भ्रष्टाचार ही किया गया है। जिसके कारण इन सभी भ्रष्टाचारियों का स्थान जेल में होगा। इसके लिए अपने चुनावी मुद्दे के रूप में पूरे प्रदेष में 52 जिला जेल बनाने का दावा कर रहे थे। जिला जेल बनने के बाद सभी भ्रष्टाचारियों को इन जैलों में डाल दिया जायेगा। बसपा , सपाक्स और सपा के द्वारा अपने चुनावी उम्मीदवारों को खडे हो जाने के कारण इन सबका भी मुख्य रोल कांग्रेस बागी प्रत्याषी तिलक राज सिंह के कथन के अनुसार ही होता हुआ दिखाई देने की संभावना है। अभी तक दोनों विधान सभा के लिए 21 अभ्यिर्थियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। देखने वाली बात यह है कि इनमे से कितने प्रत्याषी नामवापसी के दिन तक टिके रहेगें।
दोनों प्रमुख राजनैतिक दलों में है बागी
कार्यकर्ताओं को मिलने लगा सम्मान,
कार्यकर्ता ही दिलायेगें किसी को जीत
फोटो:- बागी प्रत्याषी तिलक राज सिंह, बागी प्रत्याषी सतीलाल बैगा
कार्यकर्ताओं के गले में पडने लगी माला
उमरिया:- दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों से कद्दावर नेताओं के बागी बनने से चुनावी समीकरण एकदम से बिगडने लग गये हैं। कांग्रेस पार्टी के बागी प्रत्याषी बने तिलकराज सिंह का नामांकन फार्म भरते समय यह कहना। हम तो डूबेगें --- तुम्हें भी ले डूबेगें वाली बात। गाने का मुखडा उमरिया जिले की चुनावी हालात और उसमे हो रही दौड -भाग को अच्छे से बता पा रहा है। इससे उबरने के लिए दोनों पार्टियों को अच्छी खासी मषक्कत करनी पडेगी। अब चुनावी पंडितों का मानना है कि यदि राजनैतिक दल यदि अपने बागी प्रत्याषियों को सम्भाल नहीं पायेगें तो चुनावी गणित बडी मुष्किल होगी। वहीं कुछ का कहना है कि व्यक्ति से बहुत बडी पार्टी होती है, इसलिए किसी के आने -जाने से कुछ बिगडने वाला नहीं है। हालात को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि 15 साल के एंटीइनकंबेसी फैक्टर से बचने के लिए दोनेां पार्टियों को अपने बागी प्रत्याषी को सम्भालने में ही भलाई है। भाजपा से कभी जनपद अध्यक्ष रह चुके सतीलाल बैगा ने भी भाजपा के बढते हुए वंषवाद की बेल को रोकने के नाम पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरा है। अब देखना यह है कि नामांकन फार्म वापसी तक कितने नामांकन फार्म को वापिस लिया जाता है। एक बात तो तय है कि इस बार चुनाव की गणित केवल और केवल कार्यकर्ताओं के कंधे पर है, जो इन्हें संभालेगें वही जीत पायेगा।
जनता से पूछेगंे बागी उम्मीदवार:- मानपुर क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के लिए सिरदर्द बनने वाले तिलक राज सिंह का मीडिया से यह कहना कि वे अपनी क्षेत्र की जनता से रायमषविरा करेगें। उन्हें चुनाव निर्दलीय प्रत्याषी के रूप में खडे रहना है या नहीं अपने आप में बता रहा है कि वे केवल अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। तिलकराज सिंह का टिकट कटने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार विधायक पद का उम्मीदवार बनने वाली ज्ञानवती सिंह का कहना भी कि तिलकराज हमारा भाई है, वो हमारे साथ खडा होगा। जैसे ही उनसे मान मनौव्वल की जायेगी, उनकी नाराजगी दूर होने की संभावना दिखाई दे रही है। जिस प्रकार से कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी से अपने बिगडे हुए पत्तों को सुधारने में लग गये हैं, उससे तो यही लगता है कि इस बार चुनावों में जीत का अन्तर बहुत ही कम होने वाला है। एक तरफ तो भाजपा की मीनासिंह हैं जो प्रदेष की सबसे शक्तिषाली उम्मीदवारों में से एक है। जिनके पास क्षेत्र की जनता का विष्वास और श्रद्धा है। जनता के लिए उनके द्वारा किये गये जनहितकारी कल्याण कारी कार्य हैं। जो विगत 15 सालों से अनवरत जारी है। वहीं उन्हें ब्राहम्ण वोटों की नाराजगी से जूझना पड रहा है। ब्राहम्णों के त्रिदेव भी कांग्रेस के पास हैं। प्रदेष के मुखिया का माई के लाल वाला बयान भी मानपुर क्षेत्र में काफी गुंजायमान है। ऐसे में जनता एक दिलचस्प चुनाव की साक्षी बनने के लिए तैयार हो चुकी है।
बागी प्रत्याषी भाजपा या कांग्रेस के लिए सिरदर्द:- भाजपा से बागी हुए सतीलाल बैगा का बागी होना किस राजनैतिक दल के लिए सिरदर्द बनेगें, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में यहां के राजनैतिक पंडितों का अलग ही राय है। उनके अनुसार सतीलाल बैगा का बागी प्रत्याषी बनना भाजपा के लिए काफी मददगार ही साबित होने जा रहा है। सतीलाल की पूरी फैन फालोइंग कांग्रेस के लिए ही सिरदर्द बनने जा रही है। ऐसे में नये प्रत्याषी बने ध्यानसिंह परस्ते के लिए तो मुंड मुडाते ही ओले पडने जैसी कहावत साबित होती दिख रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी की मजबूत प्रत्याषी बनती हुई दिख रही सावित्री सिंह का अंतिम क्षणों में समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाना भी कांग्रेस के लिए ही गढ्ढा खोदने जैसी स्थिति बन रही है। फिलहाल ऐसी स्थिति में पर भाजपा के ज्ञानसिंह के सुपुत्र के चुनावी हथकंडों के सामने अन्य प्रत्याषी बौने साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उमरिया के राजनैतिक पंडितों के अनुसार तो बांधवगढ विधानसभा मे जो कुछ भी होता हुआ दिखाई दे रहा है वो केवल भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा मात्र है। मुख्यमंत्री षिवराज भी यहां के कार्यकर्ताओं के गले लग-लग कर बधाई दे रहे है, और अपनी माला भी उन्हें ही पहना रहे हैं। ऐसे हथकंडों से कार्यकर्ताओं में जोष बढ रहा है। इस सबका चुनावों में कितना असर होता हुआ दिखाई देगा यह तो भविष्य ही बतायेगा।
आप पार्टी बनायेगी 52 जिला जेल:- नामांकन फार्म के अंतिम दिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और प्रवक्ता काफी जोष में थे। उनका कहना था कि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। पार्टी प्रवक्ता जोष में कह रहे थे कि इनके सत्तारूढ दल हो या विपक्ष उनके द्वारा भ्रष्टाचार ही किया गया है। जिसके कारण इन सभी भ्रष्टाचारियों का स्थान जेल में होगा। इसके लिए अपने चुनावी मुद्दे के रूप में पूरे प्रदेष में 52 जिला जेल बनाने का दावा कर रहे थे। जिला जेल बनने के बाद सभी भ्रष्टाचारियों को इन जैलों में डाल दिया जायेगा। बसपा , सपाक्स और सपा के द्वारा अपने चुनावी उम्मीदवारों को खडे हो जाने के कारण इन सबका भी मुख्य रोल कांग्रेस बागी प्रत्याषी तिलक राज सिंह के कथन के अनुसार ही होता हुआ दिखाई देने की संभावना है। अभी तक दोनों विधान सभा के लिए 21 अभ्यिर्थियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। देखने वाली बात यह है कि इनमे से कितने प्रत्याषी नामवापसी के दिन तक टिके रहेगें।
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