कल्पना को मिली नयी उंचाई


कल्पना को मिली नयी उंचाई



 भारत सरकार के द्वारा जम्मू कष्मीर समस्या के स्थायी हल के लिए जम्मू कष्मीर में लद्दाख को नये डिवीजन के रूप में बनाने की तैयारी की जा रही है। इस कदम का देर सवेर सभी नागरिकों के द्वारा स्वागत किया जायेगा। कुछ ऐसा ही अक्षय ब्लाॅगर में 9 फरवरी 2018 के ब्लाॅग में भी कल्पना की गयी थी। इस ब्लाॅग में जम्मू कष्मीर के आधे भाग को अलग करते हुए यहां धारा 370 को हटाने की मांग की गयी थी। उसके बाद यहां का विकास और आधे क्षेत्र में किस प्रकार का विकास हो रहा है, इसकी तुलना करने की मांग की गयी थी। अब भारत सरकार लगभग उसी अवधारणा को पूरा करने के लिए जम्मू कष्मीर को नया डिवीजन बनाने की तैयारी कर रही है, इसका स्वागत जागरूक नागरिकों के द्वारा किया जा रहा है।

अपने आप धारा 370 का होगा हल

नहीं जरूरत पडेगी धारा 35 ए की
उमरिया:- सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कष्मीर से सम्बन्धित धारा 35 ंए की सुनवाई  कार्रवाई को चौथी बार टाल दिया। इस बार इसे सीधे 4 महीने आगे की डेट देते हुए जनवरी 2019 में सुनवाई करने का फैसला लिया। इस प्रकार से इसे एक प्रकार से ठंडे बस्ते में डालने की प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। एक देष और एक कानून की संकल्पना को पूरा होने में और वक्त लगेगा। एक देष एक कानून की मांग को ना मानने के पीछे कई तर्क संगत कारण हो सकते हैं। गौरतलब है कि जम्मू कष्मीर में लगातार संघर्ष चल रहा है। धारा 35 ए का सीधे साधे शब्दों में यह अर्थ कि जम्मू कष्मीर की कोई महिला यदि राज्य से बाहर शादी कर लेती है, तो उसका जम्मू कष्मीर से कोई नाता नहीं रहेगा। इसके विपरीत यदि कोई कष्मीरी पुरूष राज्य के बाहर कहीं से भी शादी कर ले तो उसकी पत्नी को जम्मू कष्मीर की नागरिकता मिल जायेगी, उसे पूरे अधिकार मिलेगें। इस बात का विरोध करते हुए एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में धारा 35 ए के खिलाफ याचिका दायर की है। इस याचिका के दायर करते ही जम्मू कष्मीर में स्वायत्ता की वकालत करने वालों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि धारा 370 की आत्मा धारा 35 ए है। जिसके कारण ही जम्मू कष्मीर भारत शासन का अंग होते हुए भी उन्हें विषेष अधिकार मिले हुए हैं। सात दषकों से लगातार भारत और पाकिस्तान कष्मीर को लेकर जंग कर रहे हैं। पाकिस्तान कष्मीर की स्वायत्ता के नाम पर प्राक्सी वार लगातार चला रहा है। जब तक भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी, तब तक लगातार धारा 370 का विरोध करती थी। अन्तरार्ष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के आगे नतमस्तक होते हुए उस तरीके से इस गैर वाजिब कानून का विरोध नहीं कर पाती है, जिसके आधार पर भारत की जनता ने इन्हें जिताया था। ऐसे में लचीले संविधान संषोधन में एक संषोधन करते हुए प्रयोग के तौर पर जम्मू कष्मीर राज्य उत्तर और दक्षिण भाग में बांटा जाये। एक भाग में धारा 370 और आर्टिकल 35 ए को जस का तस रहने दिया जाये और दूसरे भाग में भारतीय संविधान के अनुसार। एक दषक के बाद देखा जाये कि किस क्षेत्र में ज्यादा विकास हुआ। जम्मू कष्मीर में आबादी का असंतुलन बहुत ज्यादा है। आधे भाग में ही पूरे कष्मीर की 70 प्रतिषत जनसंख्या निवास करती है।
जम्मू कष्मीर का हो बंटवारा -बनाया जाये नया राज्य:- भाजपा की नीति हमेषा से छोटे राज्यों की रही है। उनका यह मानना है कि जितना छोटा राज्य होगा, उतना उसका विकास होगा। यह कुछ हद तक सही भी साबित हो रहा है। जब से मध्यप्रदेष से हटकर छत्तीसगढ राज्य, उत्तरप्रदेष से हटकर उत्तराखंड, आंध्रप्रदेष से हटकर तेलगांना राज्य का निर्माण हुआ है। इन्ही सभी राज्यों में विकास की दर पूरे भारत में सबसे अच्छी है। यह सभी राज्य अपने दम पर भारत में अपनी एक अलग मिषाल पेष कर रहे हैं। इस तर्ज पर यदि जम्मू कष्मीर से लद्दाख, जम्मू, उधमपुर, कठुआ, राजौरी जैसे जिलों को मिला कर नया राज्य बना दिया जाये तो जम्मू कष्मीर से भी आतंकवाद का खात्मा होने में आसानी हो जायेगी। इस राज्य का विकास भी भारतीय गणराज्य के अन्य समस्त राज्यों के समान होना शुरू हो जायेगा।
पांच जिलों को मिला कर बनाया जाये नया भारत राज्य:-गौरतलब है कि जम्मू कष्मीर का कुल क्षेत्रफल 2 लाख 22 हजार 236 किलोमीटर स्कावयर है। जम्मू 26293 किलोमीटर, उधमपुर 1760 किलोमीटर प्रति किलोमीटर, कठुआ 2651 प्रति किलोमीटर स्कावयर, राजौरी 2630 प्रति किलेामीटर है। इन जिलों का कुल क्षेत्रफल 92 हजार 480 किलोमीटर प्रति स्कावयर है। जबकि सन् 2011 के सेनसेक्स के अनुसार वर्तमान में जम्मूकष्मीर की जनसंख्या सवा करोड है। जबकि लद्दाख की 2 लाख 74 हजार, जम्मू की 5 लाख 2 हजार, उधमपुर की 5 लाख 55 हजार 357, कठुआ की 6 लाख 16 हजार 435, राजौरी की 6 लाख 42 हजार 415 उक्त जिलों की जनसंख्या है।  लद्दाख, जम्मू, उधमपुर, कठुआ, राजौरी पांचों जिलों की कुल जनसंख्या 25 लाख 90 हजार 207 है। डोडा जिले को बफर राज्य के रूप में रखा जाये। यदि इन पांचों जिलों को मिला कर एक नये राज्य की कल्पना की जाये तो इसका क्षेत्रफल जम्मूकष्मीर के क्षेत्रफल का लगभग 42 प्रतिषत होगा। डोडा जिला जो बफर राज्य के जैसे है उसे मिलाने पर कुल क्षेत्रफल लगभग कष्मीर के आधे के बराबर हो जाता है। जनसंख्या की दृष्टि से यह कुल आबादी का 21 प्रतिषत होगा। डोडा जिले की जनसंख्या को और जोडा जाये तो यह लगभग 30 प्रतिषत ही होगा। इस नये काल्पनिक भारत राज्य में भारतीय संविधान के अनुसार राज्य शासन किया जाये। फिर एक दषक बाद देखा जाये कि शेष जम्मू कष्मीर से नये भारत राज्य का विकास कितना हुआ। इस प्रकार की संकल्पना को यदि शीघ्रता पूर्वक किया जाये तो अपने आप धारा 370 और उसकी आत्मा आर्टिकल 35 ए का खात्मा हो जायेगा।


Thought By Sadanand Joshi

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